उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे लोगों पर होगी कार्रवाई, सूबे में ट्रिब्यूनल का होगा गठन



उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे लोगों पर होगी कार्रवाई, सूबे में ट्रिब्यूनल का होगा गठन
देहरादून। उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की सैकड़ों बीघा जमीन पर अवैध कब्जे हैं। जिस पर कार्रवाई को लेकर के जल्द ही ट्रिब्यूनल का गठन होने जा रहा है। इसके बाद कई नियम सख्त हो जायेंगे जिससे वक्फ बोर्ड की संपत्तियां के कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के मुताबिक वक्फ बोर्ड 2022 विनिमय नोटिफिकेशन पर संस्तुति हो गई है। अब जल्द ही ट्रिब्यूनल का गठन हो जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड में मौजूद वक्फ बोर्ड की संपत्तियां के कब्जों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी।
अध्यक्ष ने बताया कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने तय किया है कि वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ाया जाएगा। इस वक्त उत्तराखंड वक्त बोर्ड की आय बहुत कम है। आज भी कई बड़ी-बड़ी संपत्तियों का किराया 20-25 रुपये महीने के रूप में आ रहा है। जो कि किसी भी तरह से व्यावहारिक नहीं है।उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया है और इसे बाजारी मूल्य के आसपास लाया जायेगा। ताकि इससे उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की इनकम बढ़े और इस पैसे से गरीबों की मदद की जा सके।
अध्यक्ष ने बताया कि वक्फ संशोधन अधिनियम लाया जा रहा है। ताकि गरीबों को गरीबों का हक दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज वक्फ की संपत्तियों पर गरीब नहीं, बल्कि अमीर कब्जा जमाए बैठे हैं। आरोप लगाया कि कांग्रेस को 75 साल शासन करने को मिले, लेकिन उनकी ओर से वक्फ में कोई सुधार नहीं किया गया। उन्होंने उत्तराखंड की वक्फ संपत्तियां पर बैठे कब्जाधारियों के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि कलियर में विपक्ष के बड़े नेता वक्फ की संपति पर अतिक्रमण किए बैठे हैं। इसके अलावा देहरादून के भगत सिंह कॉलोनी में 100 बीघा और आजाद कॉलोनी के अलावा नंदा की चौकी में 17 बीघा जमीन कब्जे में हैं।
अध्यक्ष ने बताया कि मुस्लिम कॉलोनी समेत पूरे प्रदेश भर में सैकड़ों बीघा वक्फ बोर्ड की भूमि पर अवैध कब्जे किए गए हैं। जिस पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी। उम्मीद है कि जल्द ही वक्फ की संपत्तियों को कब्जा मुक्त किया जायेगा। बता दें कि अभी उत्तराखंड में तकरीबन 2500 वक्फ कमेटियों के पास करीब पांच हजार संपत्तियां हैं। जल्द ही इन सभी संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। साथ ही साथ इनका सर्वे भी कराया जायेगा और लेन-देन भी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
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