उत्तराखंड : केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस ने मनोज रावत तथा भाजपा ने आशा नौटियाल को बनाया प्रत्याशी

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उत्तराखंड : केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस ने मनोज रावत तथा भाजपा ने आशा नौटियाल को बनाया प्रत्याशी

देहरादून। उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने जहां पूर्व विधायक मनोज रावत पर भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने भी पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही पूर्व विधायक रह चुके हैं। उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। केदारनाथ उपचुनाव में 29 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है।

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आशा नौटियाल केदारनाथ विधानसभा से दो बार विधायक रह चुकी हैं और पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके अलावा नौटियाल बूथ सशक्तिकरण अभियान की प्रदेश सहसंयोजक भी हैं।

पूर्व विधायक आशा नौटियाल का जन्म 12 जून 1969 को हुआ। ग्रेजुएशन के बाद नौटियाल का राजनीतिक जीवन 1990 में शुरू हुआ। उन्‍होंने 1990 में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ली थी और 1996 में पहली बार निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गई। इसके बाद 1997 में महिला मोर्चा की रुद्रप्रयाग की जिला उपाध्यक्ष चुनी गईं और साल 1999 में रुद्रप्रयाग जिले की महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष बनीं।

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राज्य के गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव में साल 2002 में आशा नौटियाल केदारनाथ सीट से विधायक निर्वाचित हुई। इसके अलावा 2007 में भी आशा नौटियाल लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुईं। लेकिन 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी शैला रानी रावत से आशा नौटियाल को हार का सामना करना पड़ा। पूर्व विधायक आशा नौटियाल शराब आंदोलन और उत्तराखंड आंदोलन में 1994 से 1997 में भी काफी सक्रिय रही हैं।

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने 2022 में इसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। हालांकि पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है। 1970 में जन्मे रावत के राजनीतिक करियर को देखें तो वह 2017 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में वह तीसरे स्‍थान पर रहे थे। हार के बावजूद रावत अपने क्षेत्र में लगातार बने रहे। यही वजह है कि पार्टी ने 2024 के विधानसभा उपचुनाव में उन पर भरोसा जताया है और केदारनाथ सीट से टिकट दिया है। रावत एआईसीसी के सदस्य हैं।