उत्तराखंड : पूर्व आईएएस सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार बने चुनाव आयुक्त
उत्तराखंड : पूर्व आईएएस सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार बने चुनाव आयुक्त
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने निर्वाचन आयोग में दो आयुक्तों के खाली पदों पर भर्ती के लिए दो नामों पर मुहर लगा दी। समिति ने ज्ञानेश कुमार गुप्ता और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। ये दोनों रिटायर्ड आईएएस हैं। दोनों अलग-अलग समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से रिटायर्ड हुए हैं।
निर्वाचन आयोग के दोनों आयुक्त के पद पहले अनूप चंद्र पाण्डेय के फरवरी में रिटायरमेंट और फिर हाल ही में अरुण गोयल के इस्तीफे से खाली हुए थे।
लोकसभा चुनाव से पहले देश को दो नए चुनाव आयुक्त मिल गए हैं। जिनमें की एक हैं केरल से ज्ञानेश कुमार और दूसरे हैं पंजाब से सुखबीर संधू हैं।
आपको बता दें कि गुरुवार (14 मार्च) को यानि आज इन दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक में की गई है। बैठक के बाद राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इन दोनों चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने की घोषणा की है।
आइए जानते हैं दोनों नए चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू कौन हैं।
सुखबीर संधू 1998 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। 2021 में पुष्कर सिंह धामी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए तब प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर सुखबीर संधू ही थे।
उससे पहले संधू राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन और मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अडिशनल सेक्रेटरी की भूमिका में भी रहे। सुखबीर संधू ने अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम डिग्री हासिल की है। उनके पास कानून की डिग्री भी है। संधू ने ‘अर्बन रिफॉर्म्स’ और ‘म्यूनिसिपल मैनेजमेंट एंड कपैसिटी बिल्डिंग’ पर रिसर्च पेपर्स भी लिखे हैं। लुधियाना नगर निगम के आयुक्त के तौर पर उनकी सेवाओं के लिए संधू को राष्ट्रपति मेडल से नवाजा गया था।
ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। वो केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के उस वक्त इंचार्ज थे जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 खत्म किया था।
1988 बैच के आईएएस ज्ञानेश कुमार मई, 2022 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव बनाए गए। उन्हें संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव पद से ट्रांसफर किया गया था। कुमार ने सहकारिता मंत्रालय में देवेंद्र कुमार सिंह को रिप्लेस किया था। सिंह भी केरल कैडर के ही आईएस थे जिन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का महासचिव बनाया गया था।
ज्ञानेश कुमार की सर्विस रिटायरमेंट एज के बाद भी बरकरार रखी गई थी। वो 31 जनवरी, 2024 को रिटायर हुए। ध्यान रहे कि पहले गृह मंत्रालय और फिर सहकारिता मंत्रालय दोनों मंत्रालयों के सचिव के तौर पर उन्होंने मंत्री अमित शाह के साथ ही काम किया। शाह इन दोनों मंत्रालयों के मंत्री हैं।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 फ़ेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज लाइक और फॉलो करें