यहां सूदखोर से परेशान युवक ने मां की चुनरी से फांसी लगाकर दे दी जान, प्रशासन की अनदेखी से सूदखोरों के हौंसले बुलंद

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यहां सूदखोर से परेशान युवक ने मां की चुनरी से फांसी लगाकर दे दी जान, प्रशासन की अनदेखी से सूदखोरों के हौंसले बुलंद

हल्द्वानी। यहां सूदखोर से परेशान एक युवक ने मां की चुनरी से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मां ने बेटे की लाश फंदे पर लटकी देखी तो उसके होश गुम हो गए। आनन-फानन में युवक को फंदे से उतार कर परिजन अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। जवान बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मचा है।
बनभूलपुरा स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के पास रहने वाला 19 वर्षीय रोहित गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता पॉलीथिन सप्लाई का काम करता था। वह यहां पिता राकेश, मां आशा, बड़े भाई विपुल और रिंकू के साथ रहता था। बताया जाता है कि 31 दिसंबर की दोपहर वह घर पर था। मां ने उसे खाने के लिए बुलाया लेकिन रोहित ने खाने से इंकार कर दिया। मां के कमरे से बाहर निकलने के बाद रोहित ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। कुछ देर बाद जब मां आशा दोबारा खाना खाने के लिए पूछने गई तो उसके होश गुम हो गए। आवाज लगाने और बार-बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। बड़े भाई विपुल ने किसी तरह दरवाजा खोला तो सामने मां की चुनरी से रोहित की लाश लटक रही थी।
आनन-फानन में उसे फंदे से उतार कर परिजन मंडी चौकी के पास स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिजन उसे लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे। जहां सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
वहीं रोहित के भाई रिंकू ने बताया कि रोहित ने मंडी में अदरक नीबू की चाय बेचने वाले एक सूदखोर से करीब 70 हजार रुपये ब्याज पर लिए थे। पिछले एक साल से हर 15 दिन में रोहित 7 हजार रुपये ब्याज भर रहा था, लेकिन न ब्याज कम हो रहा था और न ही मूलधन। इधर सूदखोर आए दिन पैसों के लिए रोहित को जलील करता, उसे गालियां और जान से मारने की धमकी देता। आखिरकार सूदखोर के उत्पीड़न से परेशान होकर रोहित ने अपनी जान दे दी। बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जवान बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मच है। दोनों भाइयों और परिवार में सबसे छोटा होने की वजह से रोहित सबका प्यारा भी था। रिंकू का कहना है कि अंतिम संस्कार के बाद वह सूदखोर के खिलाफ पुलिस को तहरीर देंगे। अगर पुलिस ने उनकी तहरीर पर कार्रवाई नहीं की तो वह खुद इंसाफ करेगा। फिर इसके लिए उसे जेल ही क्यों न जाना पड़े। रिंकू की मानें तो रोहित हर रोज हजार से 15 सौ रुपये कमा लेता था। उसकी कमाई देखकर सूदखोर ने जबरदस्ती उस पर कर्ज थोपा और फिर परेशान करने लगा। वह हर रोज प्रताड़ित हो रहा था। लेकिन उसने अपनी परेशानी अपने परिवार को कभी नहीं बताई। रिंकू का कहना है कि अगर वह परिवार को अपनी परेशानी बता देता तो शायद उसे अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती।