नगर पंचायत चुनाव अध्यक्ष पद आरक्षित होने के बाद ही होगी स्थिति स्पष्ट, कई दावेदार जनता के बीच पैठ बनाने तो कई हवा में चेयरमैन बनने का देख रहे ख्वाब
नगर पंचायत चुनाव अध्यक्ष पद आरक्षित होने के बाद ही होगी स्थिति स्पष्ट, कई दावेदार जनता के बीच पैठ बनाने तो कई हवा में चेयरमैन बनने का देख रहे ख्वाब
लालकुआँ। संभावित निकाय के चुनावों को लेकर पूरे प्रदेश में अध्यक्ष और सदस्य का चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अभी से जनता-जनार्दन के सामने नतमस्तक हुए दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल राजनैतिक जानकार प्रदेश में चुनाव जल्द ही होने के कयास लगा रहे हैं। इसलिए निकाय चुनावों सामने देखते हुए विभिन्न राजनैतिक दलों समेत तमाम निर्दलीय उम्मीदवार भी चेयरमैन और सभासद बनने के लिए बेहद आतुर दिखाई दे रहे हैं।
ऐसे में लालकुआँ में भी लगभग एक दर्जन लोग अध्यक्ष और कई दर्जन लोग सभासद के तैयारियों में जुटे हुए हैं। लेकिन फिलहाल चुनाव टाले जाने आरक्षण की स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण चुनावी गतिविधियाँ कुछ धीमी दिखाई दे रही हैं।
अब बात करें संभावित उम्मीदवारों की तो सत्तारूढ़ भाजपा और नगर पंचायत पद पर काबिज कांग्रेस के उम्मीदवारों के अलावा कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह आतुर दिखाई दे रहे हैं। जिनमें भारतीय जनता पार्टी की तो वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत नरूला, दीवान सिंह बिष्ट, मंडल अध्यक्ष धन सिंह बिष्ट और युवा नेता बॉबी सम्बल इस सीट से अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं। वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्षेत्र के लोकप्रिय नेता पूर्व चेयरमैन पवन चौहान भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इधर व्यापारी से नेता बने जगदीश अग्रवाल भाजपा से अपना टिकट पक्का मानकर चल रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अपनी घनिष्ठता बता खुद को पार्टी का सबसे मजबूत उम्मीदवार मानकर चल रहे हैं। लेकिन उनकी पार्टी के ही कई वरिष्ठ नेता फिलहाल उनके दावों को लेकर गंभीर नहीं हैं।
वहीं कांग्रेस पार्टी से पूर्व चेयरमैन कैलाश चंद्र पंत, पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रविशंकर तिवारी और युवा एवं लोकप्रिय नेता भुवन पांडेय कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार हैं। जबकि समाजसेवी पीयूष मिश्रा, महेंद्र कुमार (आप), समाजसेवी फिरोज खान और संजीव चौधरी की दावेदारी को कमतर करके नहीं देखा जा सकता है।
फिलहाल उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है। वहीं राजनैतिक जानकारों द्वारा उत्तराखंड में निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं लालकुआँ नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार जनता के बीच लगातार संपर्क साधने में लगे हुए हैं। जबकि कई दावेदार धरातल पर कम हवा में अधिक प्रचार करते नजर आ रहे हैं। लेकिन वास्तविक स्थिति अध्यक्ष पद आरक्षित होने के बाद ही सामने आयेगी।
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