लालकुआं समेत आसपास के क्षेत्र में मानसून के मौसम में बढ़ रहा मच्छर जनित बीमारियों का खतरा, स्थानीय प्रशासन कब होगा अलर्ट
लालकुआं समेत आसपास के क्षेत्र में मानसून के मौसम में बढ़ रहा मच्छर जनित बीमारियों का खतरा, स्थानीय प्रशासन कब होगा अलर्ट
लालकुआं। मानसून के मौसम में कई बीमारियों के पैदा होने का खतरा बना रहता है। संक्रामक रोगों के साथ ही मच्छर जनित डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियां भी सामने आने लगती हैं। ऐसे में जिन जगहों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है, वहां डेंगू के लार्वा पैदा होने का खतरा उत्पन्न हो रहा है।
इसी के मद्देनजर जहां एक ओर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। वहीं लालकुआं नगर समेत आसपास के क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन की ओर से फिलहाल फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं के नियमित छिड़काव को लेकर उदासीनता बरती जा रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लालकुआं नगर व बिन्दुखत्ता को डेंगू के दृष्टिगत अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया है। ऐसे में उक्त क्षेत्रों में डेंगू के लार्वा चेकिंग और सोर्स डिडक्शन के अभियान में शिथिलता बरती जा रही है। जो कभी भी घातक साबित हो सकती है।
बात करें लालकुआं नगर की तो यहां भी नगर पंचायत द्वारा नियमित रूप से फाॅगिंग और कीटनाशक दवाओं का नियमित छिड़काव नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र के लोगों ने बताया कि मानसून सीजन में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते डेंगू और मलेरिया आदि बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने क्षेत्र में नियमित रूप से फाॅगिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने तथा डेंगू के लार्वा को नष्ट करने की मांग की है।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग नैनीताल द्वारा जिले भर में उन तमाम स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां डेंगू मच्छर पैदा होने की आशंका सबसे ज्यादा है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन और शहरी क्षेत्र में चार ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं, जिन्हें डेंगू के दृष्टि से अति संवेदनशील कहा जा सकता है। इन हॉट स्पाट्स में हल्द्वानी, रामनगर, कालाढूंगी, लालकुआं के शहरी क्षेत्र को शामिल किया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बैलपड़ाव, कोटाबाग और बिंदुखत्ता क्षेत्र शामिल हैं।
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