यहां बाघ पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने आए वनकर्मी को आक्रोशित ग्रामीणों ने पीटा, पढ़िए डीएफओ ने क्या कहा

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यहां बाघ पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने आए वनकर्मी को आक्रोशित ग्रामीणों ने पीटा, पढ़िए डीएफओ ने क्या कहा

नैनीताल। उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। गुलदार व बाघ के हमलों में अब तक कई लोग वन्यजीवों का शिकार हो चुके हैं।

वहीं बीते मंगलवार को नैनीताल जिले के बेतालघाट तहसील क्षेत्र से सामने आई थी जहां पर जंगल में लकड़ी लेने गई एक महिला को बाघ ने अपना निवाला बनाया था। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिला जिसके चलते उन्होंने गांव में बाघ को ट्रेकुलाइज करने के लिए पिंजरा लगाने आए वनकर्मी की पिटाई कर दी। ग्रामीणों का आरोप था कि उन्हें वन कर्मी ने धमकी दी थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

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बता दें कि नैनीताल जिले के बेतालघाट तहसील क्षेत्र के ओखलढुंगा गांव निवासी नवीन जोशी की 49 वर्षीय पत्नी शांति देवी बीते मंगलवार को जंगल में लकड़ी लेने के लिए गई थी तभी इस दौरान महिला पर बाघ ने घातक हमला किया जिसके चलते महिला के मौत हो गई। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने घटनास्थल पर ही महिला का शव रखकर वन विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और बाघ को ट्रेकुलाइज करने की मांग को लेकर रात भर प्रदर्शन करते रहे। जिसके बाद वन विभाग द्वारा उच्च अधिकारियों की अनुमति पर ग्रामीणों की मांग को देखते हुए वन विभाग ने पिंजरा लगाया।

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वहीं मौके पर मौजूद उप जिला अधिकारी राहुल शाह, तहसीलदार कुलदीप पांडे, रामनगर वन विभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने ग्रामीणों को समझाया जिसके बाद ग्रामीण आखिरकार मान गए। जिसके बाद बुधवार की सुबह दूसरा पिंजड़ा लगाने गए वनकर्मी जसवंत सिंह रावत को ग्रामीणों ने घेर लिया और मारपीट की गई। ग्रामीणों का आरोप था कि वनकर्मी ने उनको धमकी दी, जिसका वीडियो किसी के द्वारा बनाया गया था जो अब वायरल हो रहा है।

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मामले में रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने कहा कि हमारे द्वारा ग्रामीणों की सभी मांगों को मानते हुए कार्रवाई की जा रही थी। उन्होंने कहा कि इस तरीके की घटना बेहद ही शर्मिंदगी वाली घटना है। उन्होंने कहा कि हमारे वनकर्मी के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाई की जायेगी।