उत्तराखंड की नदियों में खनिज निकासी की अवधि बढ़ी, अब 19 जून तक हो सकेगा खनन कार्य



उत्तराखंड की नदियों में खनिज निकासी की अवधि बढ़ी, अब 19 जून तक हो सकेगा खनन कार्य

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने खनन सत्र की अवधि को बढ़ाते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब हरिद्वार को छोड़कर वन निगम के अधीन आने वाली प्रमुख नदियों गौला, कोसी, शारदा, दाबका और नंधौर में 19 जून 2025 तक खनिज निकासी की अनुमति दी गई है। पहले यह खनन सत्र हर साल 31 मई को समाप्त हो जाता था।
यह निर्णय राज्य सरकार वन विभाग और मौसम विज्ञान केंद्र की संयुक्त बैठक के बाद लिया गया। बैठक में मौसम विभाग ने बताया कि इस वर्ष 20 जून के बाद ही मानसून की उत्तराखंड में दस्तक की संभावना है। इसी आधार पर खनन की अवधि को 19 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
इस निर्णय से न सिर्फ उत्तराखंड वन विकास निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। खनन सत्र बढ़ाने की मांग पिछले वर्ष भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने की थी, जिसके बाद शासन ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र भेजकर अनुरोध किया था।
अगस्त 2024 में मंत्रालय ने निर्देश दिए थे कि मानसून के दौरान खनन पर रोक रहेगी और खनन अवधि का निर्धारण स्थानीय मौसम के आधार पर किया जाए। इसके बाद हाल ही में हुई बैठक में प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु, वन निगम के प्रबंध निदेशक जी.एस. पांडे और मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चूंकि 20 जून से पहले मानसून नहीं आएगा, इसलिए 19 जून तक खनन की अनुमति दी जा सकती है।
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