हल्द्वानी के वनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने को प्रशासन पूरी तरह से तैयार, 20 जेसीबी और 20 पोकलैंड अतिक्रमण को करेंगी ध्वस्त

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हल्द्वानी के वनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने को प्रशासन पूरी तरह से तैयार, 20 जेसीबी और 20 पोकलैंड अतिक्रमण को करेंगी ध्वस्त

बाहर से आकर समर्थन देने वाले लोगों पर पुलिस व लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की निगरानी, सोशल मीडिया पोस्ट पर भी रखी जा रही हैं निगाहें

हल्द्वानी। उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रेलवे की 78 एकड़ भूमि से 4365 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है। जिसको लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

कुमाऊं रेंज के आईजी नीलेश आनंद भरणे के अनुसार अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर जिला प्रशासन के साथ सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों के समर्थन में आ रहे संदिग्ध लोगों की भी जांच पड़ताल की जा रही है। साथ ही स्थानीय सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। जिससे की किसी तरह की कोई भ्रामक अफवाह ना फैलाई जाए। इसके अलावा समर्थन देने पहुंच रहे बाहरी लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी संदिग्ध व्यक्ति अतिक्रमणकारियों को भड़काने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस और सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से संदिग्धों पर नजर बनाई जा रही है।वहीं अतिक्रमण हटाने के लिए 20 जेसीबी और 20 पोकलैंड मशीनें मंगाई गई हैं। साथ ही हल्द्वानी क्षेत्र को सेक्टर और जोन में बांट दिया गया है। अतिक्रमण हटाने के दौरान सभी व्यवस्था रहेगी। रेलवे प्रशासन के सहयोग से कुछ जगह पर बैरिकेडिंग का भी काम चल रहा है जिससे कि अतिक्रमण हटाने के दौरान उपद्रवियों को रोका जा सके। यदि कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था का उल्लंघन करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा 14 कंपनी पीएसी जिनमें पांच कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की मांग की है। साथ ही गढ़वाल रेंज से 1000 महिला व पुरुष सिपाही की डिमांड की गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में होमगार्ड और कुमाऊं रेंज के पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी बुलाए गए हैं। अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर जेसीबी पोकलैंड बैरीकेडिंग का सामान सहित अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक चीजों को भी प्रशासन से उपलब्ध कराने को कहा गया है। जबकि अतिक्रमण क्षेत्र में रह रहे लोगों को उकसाने के लिए असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस पूरी तरह निगरानी रख रही है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की अतिरिक्त यूनिट बुलाई गई है। साथ ही सोशल मीडिया में भी किसी प्रकार की भड़काऊ व हिंसात्मक पोस्ट पर निगरानी रखी जा रही है। किसी भी कीमत पर बाहरी असामाजिक तत्वों को यहां नहीं आने दिया जाएगा। इसी के साथ पुलिस के द्वारा सत्यापन अभियान भी चलाया जा रहा है।

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बताते चलें कि हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र से 10 जनवरी से अतिक्रमण हटाया जाना है इसको लेकर रेलवे और जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने के लिए कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है, जिस पर 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। अब देखने वाली बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट से अतिक्रमणकारियों को राहत मिलती है या उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जाता है।