ब्याज माफिया के खौफ से प्रॉपर्टी डीलर ने की खुदकुशी, क्षेत्र में फिर सक्रिय हुआ ब्याज माफिया गैंग

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ब्याज माफिया के खौफ से प्रॉपर्टी डीलर ने की खुदकुशी, क्षेत्र में फिर सक्रिय हुआ ब्याज माफिया गैंग

रुद्रपुर। यहां ब्याज माफिया चिराग अग्रवाल को फिल्मी स्टाइल में गिरफ्तार कर उसे जेल भेजने के बाद क्षेत्र के ब्याज माफिया अपने-अपने बिलों में घुस गए थे। लेकिन अब वे एक बार फिर से सक्रिय होकर लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं और उन्हें खुदकुशी तक करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ताजा मामला रुद्रपुर के आवास विकास चौकी इलाके में एक प्रॉपर्टी डीलर के आत्महत्या का सामने आया है। सूचना मिलने पर पुलिस ने घटना की जानकारी ली ओर शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस को घटनास्थल पर कोई सुसाइट नोट नहीं मिला है।

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जानकारी के अनुसार आवास विकास निवासी 35 वर्षीय हर्ष अरोरा भूरारानी में प्रॉपर्टी डीलर का काम करते था और आवास विकास में अपनी मां के साथ रहता था। बताया जा रहा है कि युवक की मां नजदीक ही कीर्तन में गई हुई थी और बुधवार की शाम छह बजे जब घर पहुंची तो हर्ष के कमरे का दरवाजा बंद था। मां के काफी आवाज लगाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मां ने इसकी जानकारी पड़ोस के लोगों को दी। जिस पर उन्होंने दरवाजा तोड़ कर देखा तो हर्ष फासी के फंदे पर लटका हुआ था। सूचना मिलने पर आवास विकास चौकी प्रभारी अरविंद बहुगुणा मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को घटनास्थल पर कोई सुसाइट नोट नहीं मिला। फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या के कारण की जांच शुरू कर दी है।

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वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि मृतक के द्वारा कुछ ब्याज कारोबारी से ब्याज पर पैसा लिया गया था और उनके द्वारा लगातार पैसा लौटाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था साथ ही प्रताड़ित किया जा रहा था। जिसके चलते हर्ष ने आत्महत्या की है।

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बता दें कि दो वर्ष पूर्व चिराग अग्रवाल नाम के ब्याज माफिया के आतंक के चलते क्षेत्र के कई लोग आत्महत्या कर चुके थे। वहीं कई लोग अपनी सारी प्रॉपर्टी गंवा चुके थे। ऐसे में पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद ब्याज माफियाओं में पुलिस का खौफ था। लेकिन अब एक बार फिर ब्याज माफिया अपने-अपने बिलों से बाहर निकलकर लोगों का शोषण और प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं। जिसके चलते ब्याज के मकड़जाल में फंसे लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।