बाघ का शव मिलने से हड़कंप बाघ के शरीर पर पाए गए चोट के निशान, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग को करने चाहिए ठोस उपाय

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बाघ का शव मिलने से हड़कंप बाघ के शरीर पर पाए गए चोट के निशान, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग को करने चाहिए ठोस उपाय

लालकुआँ। तराई पूर्वी वन प्रभाग डाली रेंज कोटखर्रा बीट दो के क्षेत्र में बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। बाघ के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। वन विभाग की चौकी में ही पशु चिकित्सकों के पैनल के साथ ही वाइल्ड लाइफ व स्वयं सेवी संस्था की टीम की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया।
बाघ का बिसरा सुरक्षित रख जांच के लिए देहरादून भेजा जा रहा है। मंगलवार शाम गश्त के दौरान वन विभाग की बीट टीम को कोटखर्रा वन बीट क्षेत्र में बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर वन विभाग हरकत में आ गया।
एसडीओ अनिल जोशी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। बाघ के शव के निरीक्षण के दौरान शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे। जिससे प्रथम दृष्टया अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ की किसी वाहन के चपेट में आने से मौत हुई होगी।
वन विभाग की टीम ने रात ही में शव कब्जे में ले वन चौकी में पूरे एहतियात के साथ सुरक्षित रखवा दिया था। बुधवार दोपहर बाद चिकित्सकों के पैनल के साथ ही नियमानुसार वाइल्ड लाइफ की टीम व स्वयं सेवी संस्था के सहयोगियों की मौजूदगी में वन विभाग की चौकी में ही बाघ के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया।
बाघ के शरीर पर चोट के काफी निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वह निशान किसी वाहन के चोट के कारण हैं अथवा वन्य जीव संघर्ष के हैं। उसके बावजूद बाघ की हत्या की आशंकाओं को देखते हुए चिकित्सकों के पैनल ने बाघ का बिसरा सुरक्षित रखा है। जिसे जांच के लिए वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जा रहा है।
वहीं पोस्टमार्टम के बाद बाघ का अंतिम संस्कार नियमानुसार कर दिया गया।
एसडीओ अनिल जोशी ने कहा पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इससे पूर्व हल्द्वानी मार्ग पर टांडा जंगल में हाल ही में कार की चपेट में आने के बाद बाघ की मौत हो गई थी।
बाघ सड़क पार करते समय तेज गति कार की चपेट में आ गया था। जिसके बाद वन विभाग ने वाहन चालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया था।
इसके साथ ही कुछ दिन पूर्व एक तेंदुए का भी शव वन क्षेत्र में मिला था।
दो माह के अंतराल में दो बाघ और एक तेंदुए की मृत्यु ने वन विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की जान बचाने के लिए वन विभाग को ठोस कदम उठाने चाहिए।