शातिर दम्पति सूदखोरों को चूना लगाकर हुए फरार, मोटा ब्याज कमाने वाले सूदखोर गुपचुप कर रहे तलाश

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शातिर दम्पति सूदखोरों को चूना लगाकर हुए फरार, मोटा ब्याज कमाने वाले सूदखोर गुपचुप कर रहे तलाश

लालकुआँ। रेलवे स्टेशन लालकुआँ के सामने लंबे समय से ठेला लगाकर पकौड़े बेचने का कार्य करने वाले शातिर दंपति कई लोगों को अपने झांसे में लेकर लाखों रुपये लेकर रफूचक्कर हो गए।शातिर दंपति की धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों में अधिकांश अवैध रूप से ब्याज पर पैसा देकर मोटी रकम कमाने वाले सूदखोर बताए जा रहे हैं। जिसके चलते फिलहाल यह मामला अभी पुलिस तक नहीं पहुंचा है।
बताया जा रहा है कि एक ठेले पर पकौड़े बेचने वाले दंपति दर्जन भर लोगों को लगभग 10-15 लाख रुपये का चूना लगाकर रातों-रात फरार हुए हैं। धोखाधड़ी के शिकार लोगों की मानें तो रेलवे स्टेशन लालकुआँ के ठीक सामने सड़क किनारे ठेला लगाने वाले दंपति मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी थे और लालकुआँ के वार्ड नंबर 6 में किराए पर कमरा लेकर रह रहे थे। जिस कारण उक्त दंपति का आसपास के लोगों के साथ अच्छा संपर्क हो गया था। जिसका फायदा उठाकर उक्त दंपति ने अवैध रूप से सूदखोरी का धंधा करने वाले लगभग एक दर्जन सूदखोरों से मोटे ब्याज पर पैसे लिए थे। सूदखोरों ने भी मोटा ब्याज कमाने के लालच में आकर उन्हें बड़ी रकम दे दी। यह भी बताया जा रहा है कि उक्त दंपति ने हल्द्वानी मंडी से फल सब्जी का काम भी शुरू किया था और वहां के फल, सब्जी कारोबारियों से भी कई लाख का उधार लिया था। जिसके बाद उक्त दंपत्ति लोगों का 10 से 15 लाख रुपये लेकर रातों-रात फरार हो गया। इसकी भनक तब लगी जब कई दिनों तक ठेला नहीं खुलने के बाद जब लोग उन्हें तलाश करते हुए दंपति के कमरे पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि दंपति तो वहां से रातों-रात फरार हो चुका है।
इधर उक्त दंपति को अवैध रूप से ब्याज पर पैसा देने वाले सूदखोर भी फिलहाल असमंजस में हैं और पुलिस के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और गुपचुप तरीके से अपने स्तर से उक्त दंपति की खोजबीन में लगे हुए हैं। वहीं उक्त दंपति द्वारा मोटी रकम लेकर फरार होने की चर्चाएं पूरे नगर में चल रही हैं। यह भी बताया जा रहा है कि दंपति सूदखोरों के उत्पीड़न से परेशान थे इसलिए रातों-रात फरार हो गए।
बताते चलें कि लालकुआँ क्षेत्र में पैसा देकर मोटा ब्याज कमाने वाले सूदखोरों का मकड़जाल फैला हुआ है। जिसमें कई गणमान्य समझे जाने वाले सफेदपोश भी शामिल हैं जो जरूरतमंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मोटी कमाई कर रहे हैं। वहीं इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह सामने आ रहा है कि मात्र एक छोटे से ठेले पर पकौड़े बेचने वाले और किराए पर कमरा लेकर अस्थाई तौर पर रह रहे उक्त दंपति को आखिर किस कारण लाखों रुपये दिए गए।

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