अतिक्रमण के नाम पर धार्मिक स्थलों को बुलडोजर से नेस्तानाबूद किए जाने के विरोध में रामनगर में महापंचायत का आयोजन  

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अतिक्रमण के नाम पर धार्मिक स्थलों को बुलडोजर से नेस्तानाबूद किए जाने के विरोध में रामनगर में महापंचायत का आयोजन

रामनगर। उत्तराखंड शासन के निर्देश पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर वन प्रभाग, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण के नाम पर धार्मिक स्थलों मंदिर, मजार, गुरुद्वारा, बस्तियों को बुलडोजर से ध्वस्त करने के विरोध में आयोजित महापंचायत में उपस्थित लोगों द्वारा उत्तराखंड सरकार से स्वामित्व दिये जाने की मांग की गई। साथ ही उन्होंने चेताया की यदि अतिक्रमण के नाम पर धार्मिक स्थलों, बस्तियों को उजाड़ा गया तो उसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा। महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि कल सोमवार को सिंचाई विभाग कोसी निर्माण खंड द्वितीय अधिशासी अभियंता के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
रामनगर वन परिसर में वन ग्राम समिति के संयोजक एस0 लाल की अध्यक्षता एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुमित लोहनी के संचालन में हुई महापंचायत में वक्ताओं ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख संजय नेगी, ग्राम प्रधान हेमा बिष्ट, ग्राम प्रधान श्याम बिष्ट, पूर्व ग्राम प्रधान राहुल डंगवाल, नगर पालिका सभासद तनुज दुर्गापाल, राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्र उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी, कांग्रेस नेता ताईफ खान, आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत, भाकपा माले के कैलाश पांडे, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के पीपी आर्य, समाजवादी लोक मंच के संयोजक मनीष कुमार, भाकपा माले के कैलाश पांडे, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रूहेला, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष नवीन नैथानी, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, चिंता राम ईडीसी आमडंडा खत्ता, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष नवीन नैथानी, उपपा नेत्री किरण आर्य, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, मोहम्मद शफी, एडवोकेट फैजल हक, आइसा के सुमित, पछास के रवि, इंसाफ़ के सिपाही पीसी जोशी, देवभूमि व्यापार मंडल के संरक्षक मनमोहन अग्रवाल, राज्य आंदोलनकारी हाफिज सईद अहमद व महेश जोशी ने पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों मंदिर, मजार, नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण के नाम पर बेदखल किए जाने पर आक्रोश जताया। वक्ताओं का कहना था कि हर परिवार को घर को देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री धामी लोगों को घर देने के बजाय उन्हें बेघर कर रहे हैं।
इस अवसर पर वक्ताओं द्वारा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर नियम विरुद्ध, तानाशाही एवं गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई।
महापंचायत में वन गांवों से आये लोगों, सामाजिक राजनैतिक संगठन से जुड़े लोगों ने अपने-अपने मतभेदों को दरकिनार करते हुए एकजुटता के साथ इस लड़ाई को लड़ने पर जोर दिया। साथ ही आंदोलन को संचालित करने के लिए संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया। इस समिति का संचालन के लिए 31 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया गया।महापंचायत में वन गांवों, कालूसिद्ध, पुछड़ी, नई बस्ती, आमडंडा खत्ता, लखनपुर, कानियां, शिवलालपुर रिऊनिया, बेड़ाछाल, सावल्दे, लूटाबड और गौजानी से बड़ी संख्या में आए लोग शामिल हुए।