विधानसभा में नियुक्त अपने करीबियों से इस्तीफा दिलवाएं तथा खुद राजनीति से संन्यास लें इसमें शामिल मंत्री और नेता : करन माहरा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

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देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग व विधानसभा नियुक्तियों पर लगातार आक्रमक रूख अपनाए हुए हैं। वह विधानसभा की भर्तियों की जांच के लिए कमेटी बनाए जाने के फैसले भर से संतुष्ट नहीं हैं। करन माहरा का साफ कहना है कि कमेटी कानूनी रूप से नियुक्तियों की समीक्षा करेगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि पूरा प्रदेश जानता है कि इन नियुक्तियों में नैतिकता का बिलकुल भी पालन नहीं किया गया है। संविधान के समानता के अधिकार को ताक पर रखकर तमाम लोगों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों की नौकरियां लगाई हैं। इसमें शामिल सभी नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को चाहिए कि तत्काल अपने करीबियों से इस्तीफे दिलवाएं और स्वयं भी राजनीतिक जीवन से संन्यास लें।

दिल्ली रवाना होने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि संविधान ने विधानसभा अध्यक्ष को नियुक्तियां करने का अधिकार दिया है, लेकिन उस आर्टिकल 187 से कहीं पहले प्रत्येक देशवासी को समानता का अधिकार भी दिया गया है। यहां देखने में आ रहा है कि लोगों ने अपने रिश्ते-नातेदार, परिचितों की नौकरियां लगवा दी। संविधान की भावना के अनुसार सभी को रोजगार के लिए समानता का अधिकार नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड नौकरियों में भ्रष्टाचार करने वाला देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया है। अब इसके लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में एक ही विचारधारा के 56 लोगों की नियुक्ति भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। इसकी जांच के लिए भी कांग्रेस आंदोलन करेगी।