लालकुआं : कांग्रेस लगाएगी हैट्रिक या कमल खिलाएंगे प्रेमनाथ पंडित अथवा निर्दलीय करेंगे कमाल



लालकुआं : कांग्रेस लगाएगी हैट्रिक या कमल खिलाएंगे प्रेमनाथ पंडित अथवा निर्दलीय करेंगे कमाल
रिपोर्ट- ऐजाज जर्नलिस्ट
लालकुआं। नगर पंचायत लालकुआं के चुनावी रण में इस बार असली चुनावी संघर्ष भाजपा विधायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट और कांग्रेसी दिग्गज पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा के बीच होता दिखाई दे रहा है। हालांकि नगर पंचायत लालकुआं में अध्यक्ष पद के लिए कुल चार प्रत्याशी भाजपा से प्रेमनाथ पंडित, कांग्रेस से डॉक्टर अस्मिता मिश्रा, निर्दलीय सुरेंद्र सिंह लोटनी और निर्दलीय माजिद अली चुनाव मैदान में हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होने के साफ आसार दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय भाजपा विधायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट का कहना है कि देश में मोदी सरकार और प्रदेश में धामी सरकार है, इसलिए नगर पंचायत लालकुआं में प्रेमनाथ पंडित के नेतृत्व में भाजपा की छोटी सरकार बनने पर लालकुआं का चौतरफा विकास होगा। इसलिए वे मतदाताओं से भाजपा अध्यक्ष पद प्रत्याशी प्रेमनाथ पंडित सहित पार्टी के सभी सदस्य पद प्रत्याशियों को चुनाव जिताने की अपील कर रहे हैं और लालकुआं में ही डेरा डालकर पार्टी और मतदाताओं से लगातार संपर्क साधे हुए हैं।
वहीं क्षेत्र में कांग्रेस के चाणक्य समझे जाने वाले पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा की पुत्र वधू डाॅक्टर अस्मिता मिश्रा कांग्रेस अध्यक्ष पद की प्रत्याशी हैं। जिसके चलते पूरी कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार अध्यक्ष पद जीतकर नगर पंचायत लालकुआं में कांग्रेस की हैट्रिक बनाने के लिए कमर कसे हुए नजर आ रही है। ऐसे में यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने राजनीतिक वर्चस्व की जंग लड़ रहे हैं। लेकिन असल में चुनाव की मुख्य धुरी उक्त दोनों नेताओं के इर्द-गिर्द ही घूम रही है।
यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़े दल जहां लगातार जनसंपर्क और रैली निकाल कर शक्ति प्रदर्शन कर अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। वहीं निर्दलीय सुरेंद्र सिंह लोटनी और माजिद अली घर-घर जाकर जनसंपर्क में लगे हुए हैं और अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। यदि मतदाताओं का झुकाव इनकी ओर हुआ तो लालकुआं निकाय चुनाव का चमत्कारिक नतीजा आ सकता है।
इधर चुनाव प्रचार की गहमा-गहमी के बीच लालकुआं नगर का आम मतदाता फिलहाल पूरी तरह से खामोश दिखाई दे रहा है। जिससे सभी अध्यक्ष और सदस्य पद के प्रत्याशी मतदाताओं से दिन में कई-कई बार मिलकर अपने-अपने पक्ष में मतदान की अपील करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में जीत का सेहरा किसके सिर पर सजेगा, यह आने वाली 25 जनवरी को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
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