यहां कोतवाली पर ही चल गया प्रशासन का बुलडोजर, विरोध करने पर सीओ और दारोगा से हुई एसडीएम की नोकझोंक

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यहां कोतवाली पर ही चल गया प्रशासन का बुलडोजर, विरोध करने पर सीओ और दारोगा से हुई एसडीएम की नोकझोंक

सिद्धार्थ नगर। यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले में खजुरिया रोड चौड़ीकरण के लिए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। इस दौरान अधिकतर लोगों ने तो खुद ही अपने अवैध अतिक्रमण को हटा लिया। लेकिन इस बीच दिलचस्प बात यह रही कि अवैध अतिक्रमण की जद में तहसील नौगढ़ की बाउंड्री व कोतवाली की बाउंड्री और मुख्य गेट भी था। जिसे बुलडोजर से गिराने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की पुलिसवालों से तीखी नोकझोंक हो गई।

वहीं सीओ का कहना था कि पहले तहसील की बाउंड्री टूटेगी, उसके बाद थाने की, इतना ही नहीं थाने के प्रभारी ने एसडीएम से बाउंड्री वॉल को तोड़ने को लिख कर देने की मांग की, इस दौरान अधिकारियों में काफी बहस हुई।

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उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के कई स्थानों पर अतिक्रमण को हटाकर सड़कों के चौड़ीकरण का अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में एसडीएम जब बुलडोजर लेकर कोतवाली पहुंचे विवाद खड़ा हो गया। दरअसल एसडीएम ने कोतवाली के बाउंड्री वॉल पर बुलडोजर चलवा दिया, जिसको लेकर सीओ और दारोगा से एसडीएम की तीखी नोकझोंक हुई। लेकिन प्रशासन ने अतिक्रमण की जद में आ रहे कई मकानों पर बुलडोजर चला। यहां तक की तहसील की दीवार को भी जमींदोज कर दिया गया। सदर थाने का गेट भी अतिक्रमण की जद में आ रहा था, जैसे ही जेसीबी थाने के गेट पर पहुंची, पुलिस अधिकारी वहां पर आ धमके। पुलिस विभाग के सीओ अरुणकांत सिंह भी मौके पर पहुंचे और थाने की दीवार और गेट तोड़ने का विरोध करने लगे। इस पर एसडीएम उमाशंकर सिंह भड़क गए और दोनों के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई।

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इसी बीच एडीएम ललित मिश्र ने भी सीओ से कहा कि आपको अगर आपत्ति है तो ऊपर अधिकरियों से बात करिए। मुझे जिससे बात करनी थी, मैं कर चुका हूं। आप अभी तत्काल बात कर लीजिए, जैसे सबके घरों के आगे के हिस्से टूट रहे हैं, थाने का गेट भी टूटेगा। वहीं देखते ही देखते मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। लोग नारेबाजी करने लगे और प्रशासन पर थाने की दीवार और गेट गिराने का दबाव बनाने लगे। इसी बीच एसडीएम ने एडीएम से कहा कि आप थाने की दीवार गिरा दीजिए। इस पर एडीएम उमाशंकर सिंह ने कहा कि वो तो मैं गिराऊंगा ही, अंत में तीखी नोकझोंक के बावजूद सीओ और दारोगा साहब को इस मामले में पीछे हटना पड़ा, क्योंकि कोतवाली का गेट और बाउंड्री वाल अतिक्रमण के दायरे में आ रहा था। जिसे एसडीएम की मौजूदगी में बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।