उत्तराखंड में पुराने वाहनों का कारोबार करने वालों को भी अब कराना होगा पंजीकरण, राज्य परिवहन विभाग ने जारी किए नए नियम
उत्तराखंड में पुराने वाहनों का कारोबार करने वालों को भी अब कराना होगा पंजीकरण, राज्य परिवहन विभाग ने जारी किए नए नियम
देहरादून। राज्य परिवहन विभाग ने अब पुराने वाहनों (दुपहिया, कार या अन्य वाहनों) की खरीद व बिक्री करने वाले कारोबारियों का आरटीओ कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। प्राधिकार प्रमाण-पत्र हासिल किए बिना कारोबारी पुराने वाहनों का व्यापार नहीं कर सकेंगे। इसके लिए आरटीओ ने ‘यूज्ड कार डीलर सर्टिफिकेट’ की व्यवस्था लागू कर दी है। आरटीओ द्वारा बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इस पूरी व्यवस्था को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार आरटीओ जिस तरह से नए वाहनों को खरीदने और बेचने के लिए डीलर सर्टिफिकेट जारी करता है। अब उसी तरह से सेकेंड हैंड वाहनों के खरीदने और बेचने को लेकर के भी डीलर को आरटीओ से डीलर को सर्टिफिकेट लेना होगा । जिसके बाद ही व्यवसाय लीगल माना जाएगा। बिना सर्टिफिकेट के ये बिजनेस लीगल नहीं होगा। इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए डीलर को जीएसटी उद्यम रजिस्ट्रेशन सहित तमाम तरह की फॉर्मेलिटी को पूरा करना होगा। जिसके बाद आरटीओ से उसे कार्ड डीलर सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। कोई व्यक्ति ऐसे डीलर को अपनी यूज्ड कार बचेगा या फिर किसी डीलर से उसे खरीदेगा तो उसे एक एक्नॉलेजमेंट नंबर मिल जाएगा जो कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किया जाएगा।
परिवहन विभाग के मुताबिक कई बार पुराने वाहन खरीदने वाले लोगों को वाहन रजिस्ट्रेशन करने में दिक्कत होती है ऐसे में इन दिक्कतों को और आसान करने के लिए वाहन खरीदने और बेचने के दौरान जो भी जिम्मेदारी होगी डीलर की होगी। बताया जा रहा है कि वाहन डीलर को प्राधिकार प्रमाण-पत्र लेने के लिए परिवहन विभाग से जुड़े वाहन पोर्टल पर प्रारूप-29 (क) में आवेदन करना होगा। इसमें डीलर को अपना नाम, पता, कारोबार का स्थान, मोबाइल नंबर, पैन नंबर, जीएसटी नंबर व ईमेल-आइडी उपलब्ध करानी होगी। इसमें 25 हजार रुपये शुल्क आनलाइन जमा होगा। आरटीओ कार्यालय में इसके लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।
पुराने गाड़ियों का कारोबार उत्तराखंड के सभी शहरों में बड़े पैमाने पर होता है मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक कार बाजार सज है। पुराने वाहनों की खरीद व बिक्री करने वाले आनलाइन बाजार भी मौजूद हैं। ऐसे में उत्तराखंड परिवहन विभाग ने शहर में चल रहे हैं सेकेंड हैंड कार की खरीद फरोख्त को व्यवस्थित करते हुए सर्टिफिकेट की व्यवस्था जारी कर दी है। इसके तहत अब शहर में सेकेंड हैंड वाहनों को खरीदने और बेचने का कारोबार करने वाले व्यवसायियों को आरटीओ से सर्टिफिकेट लेना जरूरी कर दिया है।
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