त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनता ने बदल दिए सारे राजनीतिक गणित, कई दिग्गज नेताओं के परिजनों को चुनाव में मिली शिकस्त

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनता ने बदल दिए सारे राजनीतिक गणित, कई दिग्गज नेताओं के परिजनों को चुनाव में मिली शिकस्त

नैनीताल। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे इस बार बेहद दिलचस्प और चौंकाने वाले रहे। कई सीटों पर नतीजे टॉस और पर्ची से तय हुए, जिससे लोगों में उत्सुकता और बढ़ गई। वहीं अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर सियासी ‌सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

नैनीताल जनपद के हल्द्वानी के देवलचौड़ बंदोबस्ती जिला पंचायत सीट से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी दीपा दर्मवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी किरन नेगी को पांच हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी। यह जीत भाजपा के लिए राहत लेकर आई है, क्योंकि रामड़ी, आनसिंह, पनियाली और गौलापार चोरगलिया आमखेड़ा सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

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वहीं पौड़ी जिले में कड़ा मुकाबला देखने को मिला जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ने दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन कई सीटों पर भाजपा के दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा।

लैंसडाउन से भाजपा विधायक महंत दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को कांग्रेस की ज्योति पटवाल ने हराया, जबकि खिर्सू में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संपत सिंह को कांग्रेस के चैत सिंह ने शिकस्त दी। कुल मिलाकर पौड़ी जिले में भाजपा समर्थित 18, कांग्रेस समर्थित 16 और निर्दलीय 4 प्रत्याशी विजयी रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी किसे मिलेगी, यह फिलहाल तय करना कठिन है।

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चमोली जिले की बछुवाबाण सीट से भाजपा समर्थित अनीता रावत ने निर्दलीय प्रत्याशी राधा बिष्ट को 1765 मतों से हराकर जीत हासिल की। वहीं भल्सों सीट पर निर्दलीय विशम्बरी देवी ने अपनी प्रतिद्वंदी निर्दलीय शोभा देवी को 310 मतों से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी शांति कंडारी यहां तीसरे स्थान पर रहीं।

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इन चुनाव परिणामों ने साफ कर दिया है कि दोनों ही प्रमुख पार्टियों को जनता का आंशिक समर्थन मिला है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने कई सीटों पर मजबूती से उपस्थिति दर्ज की है। अब नजरें जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर टिकी हुई हैं, जिसकी रणनीति के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो चुकी है।