विरोध के बीच वन विभाग व प्रशासन ने ध्वस्त की दशकों पुरानी थपली वाले बाबा की मजार, श्रद्धालुओं ने की पुनर्स्थापित किए जाने की मांग

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विरोध के बीच वन विभाग व प्रशासन ने ध्वस्त की दशकों पुरानी थपली वाले बाबा की मजार, श्रद्धालुओं ने की पुनर्स्थापित किए जाने की मांग

रामनगर। वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए दशकों पुरानी थपली वाले बाबा की मजार को ध्वस्त कर दिया।
बताते चलें कि प्रदेश सरकार द्वारा वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए हजारों धार्मिक स्थलों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए वन विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा रामनगर के आमडंडा क्षेत्र में स्थित थपली बाबा की दरगाह को भी ध्वस्त कर दिया गया। जैसे ही लोगों को इसकी भनक लगी, भारी संख्या में आक्रोशित लोग वहां इकट्ठा हो गए। लेकिन प्रशासन ने किसी को भी दरगाह के करीब नहीं जाने दिया। जिस पर गुस्साए लोगों द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
वहीं मजार के मुजाबिर अशरफ अली ने बताया कि थपली बाबा की मजार करीब 140 वर्ष पुरानी है। जिसे वन विभाग तथा पुलिस प्रशासन द्वारा जमींदोज कर दिया गया। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के आमडंडा में स्थित हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक थपली बाबा की मजार पर उत्तराखंड के अलावा कई अन्य राज्यों से सभी धर्मों के लोग आते हैं।
इस मामले में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के रेंजर बिंदरपाल ने बताया कि धार्मिक संरचना के धारणाधिकार की पुष्टि न होने के कारण मजार को अवैध मानते हुए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हटा दिया गया है। पूर्व में टाइगर रिजर्व द्वारा संबंधित मजार को धारणाधिकार प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था। किसी भी प्रकार से स्वामित्व की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए हटा दिया गया।
लगभग 140 साल पुरानी बताई जा रही थपली बाले बाबा की मजार को ध्वस्त करने से नाराज मुस्लिमों ने उप जिलाधिकारी रामनगर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर इसे पुर्नस्थापित करने की मांग की है। साथ ही इस ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि मजारों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटाये जाने की कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाई जाये।