रूद्रपुर में महिला कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन के अमानवीय व्यवहार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आर्य ने जतायी कड़ी नाराजगी
रूद्रपुर में महिला कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन के अमानवीय व्यवहार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आर्य ने जतायी कड़ी नाराजगी
हल्द्वानी। प्रदेश कंग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने रूद्रपुर में महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला सहित महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन के अमानवीय व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नाराजगी जतायी है। प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने सोशल मीडिया पर प्रदर्शन का वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि रुद्रपुर में नर्स के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस और प्रशासन के रवैये को देखते हुए मंगलवार को महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने महिला कांग्रेस की नेत्रियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा उनके साथ बर्बरता पूर्ण मारपीट की गई। पुलिस के पुरुष जवानों द्वारा जबरदस्ती लाठियों और हाथों से लताड़ा गया और उनके साथ बदसलूकी की गई। इससे उत्तराखंड पुलिस का घिनौना चेहरा एक बार फिर से जनता के सामने आया है। इससे स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड में पुलिस कैसे महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करती है और अंकिता भंडारी तथा उत्तराखंड की अन्य बेटियों के साथ पुलिस का क्या सलूक रहा होगा, इसे आज के प्रदर्शन से समझा जा सकता है। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कांग्रेस की महिला नेत्रियों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर बेहद निंदनीय कृत्य करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता यशपाल आर्य का कहा कि हमारी मातृशक्ति को दिए गए ये जख्म हुक्मरानों के दम्भ की दास्तान कह रहे हैं। विधि अनुसार विरोध व्यक्त करना संवैधानिक अधिकार है। यह दृश्य स्पष्ट बताते हैं कि सरकार पुलिस का उपयोग जनता के गुस्से के दमन व अधिकारों के हनन के लिए कर रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला के साथ भाजपा सरकार की पुलिस द्वारा किया गया व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या व घोर निंदनीय कृत्य है। महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों, बलात्कारों के विरोध में महिला हितों की आवाज बुलंद करने रुद्रपुर में आयोजित शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा महिलाओं पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया जाना, संवैधानिक अधिकार का हनन है। लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या व घोर निंदनीय कृत्य है, यह सरकार की दमनकारी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का उत्पीड़न याद रहेगा और जनता भी हिसाब लेगी। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस प्रशासन के लिए नसीहत देते हुए कहा कि जब जनता सड़कों पर आती है तब सत्ता बदल भी जाती है। इसलिए सत्ता के दबाव में आकर असंवैधानिक कदम उठाने से बचें, जिससे आपको भविष्य में किसी भी प्रकार की असहज परिस्थिति का सामना न करना पड़े।
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