यहां लापता टाटा मोटर्स कर्मी की हत्या कर जंगल में फेंका दिया शव, आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने बरामद किया शव



यहां लापता टाटा मोटर्स कर्मी की हत्या कर जंगल में फेंका दिया शव, आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने बरामद किया शव

रूद्रपुर। टाटा मोटर्स में कार्यरत कर्मी की लूट के इरादे से गला रेत कर हत्या के बाद शव जंगल में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर शव बरामद करने के साथ लूटी गई स्कूटी भी बरामद कर ली। शव बरामद होने पर गहमा गहमी के माहौल के चलते सुरक्षा की दृष्टि से दिनेशपुर, ट्रांजिट कैंप, रूद्रपुर का फोर्स भी मौके पर बुला लिया गया था।
सिडकुल में टाटा मोटर्स में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत नरेंद्र सिंह खाती पुत्र प्रयाग सिंह खाती निवासी तिवारी नगर बिंदुखत्ता जनपद नैनीताल 28 नवंबर की सुबह ड्यूटी पर तो गया, परंतु घर वापस नहीं आया। स्वजन की तहरीर पर पुलिस ने थाना पंतनगर में उसकी गुमशुदगी दर्ज कर ली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर पंतनगर पुलिस के साथ ही एसओजी की टीम भी खोजबीन में जुट गई थी। सीसीटीवी खंगालने के साथ ही गुमशुदा नरेंद्र खाती की काल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर मंगलवार को सौरभ कुमार उर्फ गौरव पुत्र राजा राम निवासी ईश्वरपुर थाना खजुरिया जनपद रामपुर उत्तर प्रदेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
पुलिस के कड़ी पूछताछ के बाद उसने बताया कि नरेंद्र खाती को उसने अकेले अपनी स्कूटी नंबर यूके 04 एक्स 3387 के साथ टोल प्लाजा से पहले पुलिया के पास खड़ा देखा तो उसके मन में लालच आ गया। उसने लगभग 80 हजार रूपये का कर्ज उतारने की योजना बना ली। जिस पर सौरभ कुमार ने नरेंद्र खाती को अपने विश्वास में लेने के बाद उसे जंगल की तरफ ले गया। जहां चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी और शव को झाड़ियों में छिपाकर वह उसका मोबाइल व स्कूटी लेकर फरार हो गया। पुलिस ने नरेंद्र खाती से हत्या में प्रयोग चाकू, लूटा गया मोबाइल, स्कूटी बरामद करने के बाद उसकी निशानदेही पर जंगल से शव भी बरामद कर लिया।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा लगातार मामले पर अपनी नजर बनाए हुए थे। पल-पल की वह पंतनगर पुलिस से जानकारी ले रहे थे। आरोपित सौरभ के पकड़े जाने पर एसएसपी तत्काल थाना पंतनगर पहुंच गए। उन्होंने मामले की तह तक जाने के लिए सौरभ से स्वयं पूछताछ की। हत्या के पर्दाफाश में लगी टीम में प्रभारी निरीक्षक पंतनगर सुंदरम शर्मा, एसआइ प्रकाश राम विश्वकर्मा, एसआइ अशोक कुमार, एसआइ प्रदीप कुमार, एसआइ हेम चंद्र सिंह, एसआइ दिनेश रावत,एसआइ अनिल मेहता, एएसआइ सतीश बाबू, एएसआइ मोहन सिंह रावत, हेड कांस्टेबल आनंद राम, पंकज पोखरीयाल, नितिन कुमार, किशोर गिरी, जीवन भट्ट, राजेंद्र कोरंगा शामिल थे।
वहीं नरेंद्र सिंह खाती का लापता होना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। पुलिस ने जब सीसीटीवी खंगाले तो वह नगला तिराहे पर नहीं पहुंचा था। जिसके चलते वह बाईपास पर ही कहीं गायब हो गया था। उसके साथ किसी अनहोनी की आशंका बनने लगी थी। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले तो फुटेज में संदिग्ध चिह्रित हो गया। वही फुटेज पुलिस के लिए संजीवनी बन गई। संदिग्ध के पकड़े जाने के बाद शव बरामद कर पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया।
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