हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला, सीमांकन कार्रवाई के विरोध में हजारों लोगों ने सड़क पर दिया धरना
हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला, सीमांकन कार्रवाई के विरोध में हजारों लोगों ने सड़क पर दिया धरना
हल्द्वानी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रेलवे भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश के बाद शुरू हुई सीमांकन कार्रवाई का पहले दिन ही जबरदस्त विरोध हो गया। आज बुधवार सुबह से ही वनभूलपुरा थाने और रेलवे स्टेशन में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी। इस दौरान हालात को संभालने के लिये भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। विरोध करे रहे लोग उजाड़े जाने से पहले विस्थापित करने की मांग कर रहे हैं।
बताते कि रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर 4365 भवनों को ध्वस्त करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं।कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बुधवार की सुबह नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही यहां जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं, पुरुषों के साथ ही बुजुर्ग तक इस कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर उतरे गए। उन्होंने अतिक्रमण की कार्रवाई को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि जब उनके पास पट्टे हैं, रजिस्ट्री है, तो फिर ऐसे में जमीन रेलवे की कैसे हो सकती है।
वहीं इस विरोध प्रदर्शन में लोगों के साथ स्थानीय कांग्रेसी विधायक सुमित हृदयेश, सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी व शोएब अहमद, भाकपा माले नेता बहादुर सिंह जंगी समेत तमाम दलों के नेता भी धरने पर बैठे। लोगों के भारी जमावड़े के चलते रेलवे बाजार, ताज चौराहा और आसपास की दुकानें बंद रही। अतिक्रमण की जद में आने वाले लोगों का कहना है कि अगर उनके घर उजाड़ दिए जाते हैं तो वह कहा जाएंगे। उनका कहना है कि पिछले कई दशकों से हजारों परिवार यहाँ बसे हुए हैं, लेकिन आज उन्हें उजाड़ने का काम किया जा रहा है। इससे जहाँ एक तरफ स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खतरे में है, वहीं उजड़ने वालों में बड़ी संख्या में बच्चेे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। ऐसे हालात में वह लोग अपने सिर को कहां छिपाएंगे। इस दौरान विरोध के बीच किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से चौकस रहा। पूरा क्षेत्र एक तरह से छावनी में तब्दील रहा।
इस बीच रेलवे व राजस्व विभाग के नक्शे का मिलान करने के उपरांत अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी ने कहा कि न्यायालय के आदेश के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत प्रारंभिक तौर पर भूमि में काबिज लोगों को नोटिस दिए जाएंगे और मुनादी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि रेलवे चिन्हीकरण के काम को एक-दो दिनों में पूरा किया जाएगा। जिसके बाद भूमि को खाली कराने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बताया कि रेलवे और राजस्व के नक्शों का मिलान कर कहीं 400, 600 तो कहीं 800 फिट की दूरी नापी गई है। इसके तहत मुनादी और पब्लिकेशन की सटीकता के लिए आज की कार्यवाही हुई है।
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