बड़ी लापरवाही या वन माफियाओं से मिलीभगत, वनों की अंधाधुंध कटाई के बावजूद सोया वन महकमा

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बड़ी लापरवाही या वन माफियाओं से मिलीभगत, वनों की अंधाधुंध कटाई के बावजूद सोया वन महकमा

लालकुआं/रूद्रपुर। पुलिस और वन विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी अवैध लकड़ी तस्करी का धंधा रूकने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग की शिथिलता से लकड़ी तस्करों के हौंसले बुलंद हैं। जो बड़ी चिंता का बिषय है।

वहीं तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन की धीमरी अनुभाग क्षेत्र के साथ ही कई अन्य वन क्षेत्रों में अंधाधुंध लकड़ी कटाई का मामला सामने आया है। यहां लकड़ी तस्कर प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर धड़ल्ले से हरे भरे पेड़ों को काटकर वनों का दोहन कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक धीमरी अनुभाग की भट्टभोज और जयनगर चौकी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले वन क्षेत्रों में बेशकीमती पेड़ों की धड़ल्ले से अवैध कटाई जारी है। बीते एक सप्ताह के भीतर खैरों के कई पेड़ों को काट दिया गया है। यहां सबसे मजेदार बात यह है कि वन विभाग अपनी नाकामी छिपाने के लिए काटे गए पेड़ों की जड़ों को जमीन से उखाड़कर फेंकने में जुटा हुआ है। जो अपने आप में बड़ा सवाल है।

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वहीं जानकारी के मुताबिक तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन की धीमरी अनुभाग के अन्तर्गत भट्टभोज और जयनगर चौकी के वनों में बेशकीमती खैर के पेड़ों की कटाई का अवैध धंधा जोरों पर है और इस कार्य को रोकने में स्थानीय वन विभाग लाचार दिखाई दे रहा है। वहीं बताया यह जा रहा है कि पेड़ों के इस अवैध कटान को बढ़ावा देने में कई विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है। जिसके चलते क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों का कटान और लकड़ी तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है।

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वहीं एक ओर जहां सरकार और वन महकमा पेड़ों को बचाने व वृहद पौधरोपण के लिए लगातार प्रयासरत है, वहीं वास्तविकता में वन महकमें चंद लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी इस कार्य में पलीता लगाने में जुटे हुए हैं और इनकी मिलीभगत से वन माफिया पौधरोपण व वृक्ष बचाओ अभियान के प्रयासों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। तथा पूरे सिस्टम को ताक में रखकर जमकर अवैध लकड़ी के धंधे में लिप्त हैं।

इधर पर्यावरण प्रेमी इसको लेकर चिंतित और चकित हैं कि वन माफियाओं द्वारा जिस प्रकार से हरे-भरे पेड़ों का दोहन किया जा रहा है उससे भविष्य में पर्यावरण को बहुत क्षति होगी।

वहीं कहने को तो वन महकमे में अधिकारियों और कर्मचारियों की लम्बी चौड़ी फौज मौजूद है। बावजूद इसके लकड़ी तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है। जिसके चलते वन महकमे की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। बताया जा रहा है कि धीमरी अनुभाग में तैनात कुछ अधिकारियों की वन माफियाओं के साथ सांठगांठ है जिसके चलते वन माफिया वन में घुसकर घड़ल्ले के साथ हरे भरे पेड़ों का दोहन कर आसपास के क्षेत्रों में अवैध रूप से काटी गई लकड़ी को बेचने के कार्य को अंजाम देते हैं।

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बहरहाल तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर रेंज में वन माफिया धड़ल्ले के साथ पेड़ों के अंधाधुंध कटाई में जुटे हुए हैं और भारी-भरकम वन महकमा लापरवाह बना हुआ है। जिससे उसकी कार्यप्रणाली पर तमाम सवालिया निशान लगने लाज़मी हैं।

क्रमश:.. तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन के अन्य वन क्षेत्रों में पेड़ों के अवैध कटान और लकड़ी तस्करों के साथ मिलीभगत का जल्द होगा खुलासा