नशा तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर व संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई होगी : डीआईजी डा0 योगेन्द्र सिंह रावत

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नशा तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर व संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई होगी : डीआईजी डा0 योगेन्द्र सिंह रावत

हल्द्वानी। कुमाऊँ के पुलिस उपमहानिरीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगा हुआ है जिसके कारण कुमाऊँ में भी नशे की समस्या है। नशे से निपटने के लिए पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है। प्रदेश में गैंगस्टर के तहत नशे के कारोबारियों की सम्पत्ति भी जब्त की जा रही है। नशे से निपटने के लिए संयुक्त रुप से प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊँ परिक्षेत्र नैनीताल द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में अपना कार्यभार संभालने के बाद पहली बार पत्रकार वार्ता की गई। डीआईजी ने अपनी प्रारथमिकता के क्रम में अवगत कराया कि अपराध नियंत्रण तो पुलिस का कार्य है ही किन्तु मेरी प्राथमिकता रहेगी की रिस्पान्सिब पुलिसिंग, पुलिस का जनता के प्रति व्यवहार कैसा है। उनकी समस्याओं को किस प्रकार सुना जा रहा है। उनकी समस्याओं का निराकरण हो रहा है या नहीं। निराकारण कितने समय में हुआ यदि समस्या का समाधान समय से नहीं हुआ तो उसका कोई फायदा नहीं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सीमा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगी हुई हैं जिसके कारण कुमाऊँ में भी नशे की समस्या है। नशे से निपटने के लिए पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है। प्रदेश में गैंगस्टर के तहत नशे के कारोबारियों की सम्पत्ति भी जब्त की जा रही है किन्तु नशे से निपटने के लिए संयुक्त रुप से प्रयास किये जाने की आवश्यता है जैसे माता-पिता का व्यवहार तथा उनका दायित्व है कि उनके बच्चे का साथ कैसा है। किन-किन लोगों के साथ है तथा स्कूल व कालेजों की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है।
उत्तराखंड के हर जनपद में एन्टी ड्रग्स टास्ट फोर्स का गठन किया गया है। जिसका कार्य सिर्फ नशे के खिलाफ कार्यवाही करना है। डीआईजी द्वारा अवगत कराया गया कि इस सैल को और अधिक एक्टिव किया जायेगा।
साईबर क्राईम उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि आधुनिक युग में सम्पूर्ण विश्व के लिए घातक सिद्ध हो रहा है नये-नये तरीकों से साईबर फ्राड हो रहे हैं इसको रोकने का सबसे अच्छा तरीका जागरुकता है इसलिए समाज को साईबर क्राईम के प्रति जागरुक होना पड़ेगा।
डीआईआई ने कहा कि हल्द्वानी में यातायात की समस्या है जिसे कई विभागों के साथ मिलकर संयुक्त रुप से ठीक किया जा सकता है फिलहाल यातायात व्यस्था सुचारु रुप से चालाये लिए दो प्रकार की योजना बनायी जायेगी।
शार्ट टर्म समाधान- जिसके अन्तर्गत कहीं कट खोलने है, कहीं बंद करने हैं। अतिक्रमण के कारण यातायात बाधित हो रहा है तो उन पर कार्यवाही की जा रही है।
लॉग टर्म समाधान- जिसके अन्तर्गत आने वाले 4-5 सालों बाद जाम से निजात मिलेगा। जिसमें सड़कों का चौड़ीकरण, पार्किंग का विस्तार, फुट ओवर ब्रिज का निर्माण आदि शामिल हैं।