सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व सांसद सज्जन कुमार को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा



सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व सांसद सज्जन कुमार को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा
दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में सिख समुदाय के कुछ लोगों ने सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की मांग की थी। कोर्ट ने 12 फरवरी 2025 को सज्जन कुमार को दोषी ठहराया था। यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार क्षेत्र में दो सिख नागरिकों जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित है। इस घटना के दौरान सिखों का नरसंहार हुआ था और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था।
इस मामले में शुरुआत में पंजाबी बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में जस्टिस जीपी माथुर कमेटी की सिफारिश पर विशेष जांच दल ने मामले की जांच की और आरोप पत्र दाखिल किया। जांच समिति ने 114 मामले फिर से खोले थे, जिसमें यह मामला भी शामिल था।
वर्ष 2021 में अदालत ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए थे, जिसमें हत्या, लूटपाट और आगजनी के अपराध शामिल थे। एसआईटी ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार ने उकसाकर भीड़ को हमला करने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद भीड़ ने जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह को जिंदा जलाकर उनकी संपत्ति को लूट लिया और घर को आग लगा दी।
जबकि 1 नवंबर 2023 को अदालत में सज्जन कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था। 1984 के सिख विरोधी दंगों में हजारों सिखों की जान गई थी और उन्हें हिंसा का शिकार बनाया गया था।
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