आरक्षित वन क्षेत्रों में अतिक्रमण कर अवैध रूप से जुताई कर फसल बोने पर रोक तथा अवैध बोई फसल को अविलम्ब हटाया जाने समेत अपनी 06 सूत्रीय मांगों को लेकर वन क्षेत्राधिकारी संघ उत्तराखण्ड ने प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) उत्तराखण्ड को सौंपा मांग पत्र
आरक्षित वन क्षेत्रों में अतिक्रमण कर अवैध रूप से जुताई कर फसल बोने पर रोक तथा अवैध बोई फसल को अविलम्ब हटाया जाने समेत अपनी 06 सूत्रीय मांगों को लेकर वन क्षेत्राधिकारी संघ उत्तराखण्ड ने प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) उत्तराखण्ड को सौंपा मांग पत्र
देहरादून। वन क्षेत्राधिकारी संघ उत्तराखण्ड ने आरक्षित वन क्षेत्रों में अतिक्रमण कर अवैध रूप से जुताई कर फसल बोने पर रोक तथा अवैध बोई फसल को अविलम्ब हटाया जाने समेत अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) उत्तराखण्ड को मांग पत्र सौंपा।
वन क्षेत्राधिकारी संघ उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ० विनोद चौहान प्रदेश व प्रदेश महामत्री नवीन पवार के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र में प्रमुख वन संरक्षक (हाॅफ) उत्तराखण्ड से निम्न मांग की गई है कि वन क्षेत्राधिकारी संघ उत्तराखण्ड द्वारा पूर्व में प्रेषित निम्नलिखित मांगों के सम्बन्ध में पुनः आपकी सेवा में प्रस्तुत करते हुए अनुरोध है कि निम्न मांगों पर उदारतापूर्वक विचार करते हुए स्वीकृत करने की कृपा करें:-
1. महोदय वन क्षेत्राधिकारी पद को पूर्व से राजपत्रित पद घोषित किया गया है। लेकिन पद के अनुरूप कोई भी सुविधायें नहीं दी गई हैं। अतः संघ मांग करता है कि वन क्षेत्राधिकारी के पद को राज्य वन सेवा का पद घोषित किया जाए।
2. सहायक वन संरक्षक के पदों का पुर्नगठन कर पदों में आवश्यकतानुसार वृद्धि की जाए, वन क्षेत्राधिकारियों से सहायक वन संरक्षक के पदों पर पदोन्नति कोटा 50% से बढ़ाकर 75% किया जाए, जिससे अधिक से अधिक वन क्षेत्राधिकारी को पदोन्नति के अवसर प्राप्त हो सकें।
3. वन क्षेत्राधिकारी के स्थानान्तरण, एक्ट के अनुसार किये जाएं। स्थानान्तरण एक्ट के विरूद्ध किये गये सभी स्थानान्तरणों को निरस्त किया जाए।
4. वित्तीय हस्त पुस्तिका व अधिप्राप्ति नियमावली व फोरेस्ट मैनुअल में संशोधन करते हुए 5 लाख के कोटेशन/टेण्डर हेतु वन क्षेत्राधिकारी स्तर तक अधिकार दिए जाएं। इसके ऊपर के समस्त कार्यों को खुले निविदा से करवाया जाए। प्रत्येक रेंज में कन्टीजेन्सी फण्ड खोला जाए।
5. वन गूजरों द्वारा आरक्षित वन क्षेत्रों में अतिक्रमण कर अवैध रूप से जुताई कर फसल बोने पर, वन क्षेत्राधिकारियों से उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित की जाए, अतिक्रमण कर अवैध बोई फसल को अविलम्ब हटाया जाए।
6. वन क्षेत्राधिकारियों को बिना जॉच किए दोषी घोषित कर सम्बध/निलम्बित न किया जाए। सम्बन्ध किए गये वन क्षेत्राधिकारी को यथा शीघ्र रेंज का विधिवत चार्ज दिया जाए।
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