जिला विकास प्राधिकरण बन चुके हैं भ्रष्टाचार के गढ़ : नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

Join WhatsApp Group
ख़बर शेयर करें

जिला विकास प्राधिकरण बन चुके हैं भ्रष्टाचार के गढ़ : नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड में जिला विकास प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसको लेकर कहा कि जिला विकास प्राधिकरण अब भ्रष्टाचार के गढ़ बन चुके हैं। उन्होंने सरकार पर इसमें लिप्त अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्राधिकरण दो-दो लाख रुपये की रिश्वत लेकर निर्माण कार्यों की अनुमति दे रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छोटे दुकानदारों, बेरोजगार युवाओं और आम नागरिकों के छोटे-छोटे निर्माण कार्यों को बिना वजह सील कर दिया जाता है और उनसे पैसे की मांग की जाती है।

यह भी पढ़ें 👉  कनक सैनी ने सीबीएसई की हाईस्कूल परीक्षा में 98.8% अंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम किया रोशन

नेता प्रतिपक्ष ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है, जब कुछ दिन पहले दिशा समिति की बैठक में हल्द्वानी के भाजपा मेयर गजराज बिष्ट द्वारा जिला विकास प्राधिकरण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। मेयर ने बैठक में कहा था कि प्राधिकरण घूस लेकर निर्माण कार्यों की स्वीकृति देता है। बैठक का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसने राज्य सरकार की छवि पर बड़़े सवाल खड़े किए थे।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में मुस्लिम महिलाओं को धामी सरकार का तोहफा, तीन महिलाओं को हज कमेटी में मिला प्रतिनिधित्व

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि कई अधिकारी ऐसे हैं, जो वर्षों से नैनीताल और उधमसिंह नगर जैसे जिलों में जमे हुए हैं और सरकार के संरक्षण में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा नैनीताल और उधमसिंह नगर या गढ़वाल का कोई भी जिला हो, जिला विकास प्राधिकरणों में व्यवस्थित और संरक्षित भ्रष्टाचार पनप रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की, कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ तत्काल जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  हाईवे पर दो डंपरों में जोरदार भिड़ंत के बाद लगी आग, चालकों ने कूदकर बचाई जान

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले नगर पालिका द्वारा नक्शे पास किए जाते थे, जिससे भवन निर्माण की प्रक्रिया स्थानीय लोगों के लिए कहीं अधिक सुगम थी। सरकार को जहां भी विकास प्राधिकरण अस्तित्व में हैं, उन्हें भंग कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वे लोगों की आकांक्षाएं पूरी करने में विफल रहे हैं। जनता की जन भावनाओं को देखते हुए इसे समाप्त करना बेहद जरुरी है।