तमाम प्रयासों के बावजूद आखिरकार 19 वें दिन जिन्दगी की जंग हार गई मादा हथनी, बीती 14 नवंबर को रेलगाड़ी से टकराकर हो गई थी गंभीर रूप से घायल
तमाम प्रयासों के बावजूद आखिरकार 19 वें दिन जिन्दगी की जंग हार गई मादा हथनी, बीती 14 नवंबर को रेलगाड़ी से टकराकर हो गई थी गंभीर रूप से घायल
लालकुऑं। बीते 19 दिन पूर्व रेलगाड़ी से टकराकर घायल मादा हथनी आखिरकार मौत से जंग हार गई। वन विभाग द्वारा मौके पर ही मादा हथनी के शव का पोस्टमार्टम कर उसे दफना दिया गया।
बताते चलें कि बीती 14 नवंबर की रात दिल्ली को जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस लालकुऑं से करीब 2 किलोमीटर आगे पहुंची थी तभी टांडा रेंज में रेलगाड़ी के आगे एक वयस्क मादा हथनी आ गई टक्कर लगने से हथनी गम्भीर रूप से घायल हो गई उसके पैर में अधिक चोटें आई जिससे वह खड़ी नहीं हो पा रही थी। वहीं वन विभाग की देखरेख में वाइल्डलाइफ चिकित्सकों द्वारा घायल मादा हथनी को बचाने के हरसंभव प्रयास किए गए। साथ ही वन विभाग की टीम द्वारा भी लगातार घायल मादा हथनी की देखरेख की जा रही थी। लेकिन अंतत: 19 दिन के संघर्ष के बाद आज सुबह घायल मादा हथनी ने दम तोड़ दिया।
इधर सूचना के बाद मौके पर पहुंची तराई केंद्रीय वन प्रभाग की उप प्रभागीय वन अधिकारी शशि देवा एवं वन क्षेत्राधिकारी रूप नारायण गौतम की मौजूदगी में वाइल्डलाइफ के चिकित्सक हिमांशु पांगती सहित अन्य चिकित्सकों ने मृत मादा हथनी का पोस्टमार्टम किया जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में मादा हथनी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान वन विभाग के कई कर्मी मौजूद थे।
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