केरल के वायनाड जिले में भयानक त्रासदी, भूस्खलन और जल प्रलय में 100 से अधिक लोगों की मौत
केरल के वायनाड जिले में भयानक त्रासदी, भूस्खलन और जल प्रलय में 100 से अधिक लोगों की मौत
राहत बचाव के लिए सेना तैनात, केरल सरकार ने की दो दिन के शोक की घोषणा
केरल। केरल के वायनाड जिले में भयानक त्रासदी हुई है। यहां जोरदार बारिश के बाद हुए भूस्खलन में वायनाड के मेपाड्डी, मुंडक्कल और चूरलमाला इलाके के कई मकान मलबें में दब गए। मरने वालों की तादाद 100 के पार पहुंच चुकी है।हालात को देखते हुए राहत बचाव के लिए सेना के जवानों की तैनाती करनी पड़ी है। केरल सरकार ने इस त्रासदी के बाद दो दिन के शोक की घोषणा की है। मलबे में कई लोग अब भी दबे हैं। उनकी तलाश के लिए ड्रोन और खोजी डॉग स्क्वॉड की मदद भी ली जा रही है।
ऐसी तबाही वायनाड जिले ने पहले शायद ही देखी हो, कल तक जहां हरियाली थी, वहां अब मलबा ही मलबा नजर आ रहा है। जहां बस्तियां हुआ करती थीं, वहां अब सिर्फ तबाही का मंजर है। बारिश के बाद खिसकी जमीन के साथ दफ्न हुए मकानों के मलबे हैं। वायनाड में आई कुदरत की तबाही के बाद में बचाव की मुहिम में देश की तीनों सेनाएं उतर चुकी हैं।तीनों सेनाएं राहत और बचाव के काम में जुट गई हैं। भारतीय वायुसेना ने राज्य सरकार और एनडीआरएफ अधिकारियों की मदद के लिए वायनाड में बचाव और राहत कार्यों के लिए एक MI-17 और ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। सेना और नौसेना के गोताखोर भी बचाव के काम में शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक राहत बचाव अभियान के लिए पहले से ही तैनात लगभग 225 कर्मियों की कुल क्षमता वाली चार टुकड़ियों के अलावा, लगभग 140 कर्मियों की क्षमता वाली दो और टुकड़ियां तिरुवनंतपुरम में स्टैंडबाय पर हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत हवाई मार्ग से भेजा जाएगा। सेना एचएडीआर प्रयासों के समन्वय के लिए कोझिकोड में एक कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर स्थापित कर रही है।प्रभावित क्षेत्र की हेलीकॉप्टर से जांच की जा रही है और बचाव अभियान को सही दिशा में ले जाने के लिए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सेना द्वारा अभियान में ब्रिजिंग संसाधन शामिल किए जा रहे हैं। सड़क मार्ग से बैंगलोर से और हवाई मार्ग से दिल्ली से लाया जाएगा।
केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन के बाद हालात ऐसे हुए कि नदियों तक ने रास्ता बदल लिया। पहाड़ से उतरती नदियों की प्रचंड धारा बस्तियों की ओर मुड़ी तो आबादी में कहर बरपाती चली गई। स्थानीय लोग बताते हैं कि वायनाड में आसमानी कहर का ये दौर दो बार आया। एक बार दो बजे रात में चूरलमाला इलाके में लैंडस्लाइड हुआ जिसमें दर्जनों मकान, वाहन, दुकान सब तबाह हो गए। बचाव कार्य में सिविल डिफेंस, पुलिस, दमकल विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के करीब 250 जवान राहत बचाव में जुटे हैं।सेना ने टेरिटोरियल आर्मी की 122 इन्फेंट्री बटालियन मद्रास के सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम राहत और बचाव में तैनात है। टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी और 40 सैनिक शामिल हैं। जो प्रभावित क्षेत्र में मदद के लिए साजो-सामान से लैस हैं। वहीं कन्नूर के रक्षा सुरक्षा कोर यानी DSC केंद्र से लगभग 200 सैनिकों की संख्या में भारतीय सेना की दो बचाव टुकड़ियां कन्नूर के सैन्य अस्पताल की चिकित्सा टीम और कोझिकोड से प्रादेशिक सेना की टुकड़ियों के साथ तैनात हैं।
वायनाड के चूरलमाला इलाके में तो सुबह ही राहत बचाव शुरू हो गया था लेकिन मुंडाकाई इलाके में सुबह सुबह कोई पहुंच भी नहीं पाया क्योंकि वहां जाने वाले रास्ते में रोड ब्रिज सब तबाह हो चुके थे। करीब 15 घंटे बाद यहां अस्थाई पुल बनाकर राहत बचाव कार्य शुरू किया जा सका। मुंडाकाई गांव से करीब 150 लोगों को बचाया गया है। उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कीचड़ और मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए खोजी कुत्तों की टीमें लगाई गई हैं।
पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा गया है। भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है।केरल की मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा हम अपने लोगों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। हमें विभिन्न अस्पतालों में शव मिले हैं। करीब 70 लोग घायल भी हैं। हमने घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित किया है। एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें वहां मौजूद हैं। नौसेना की एक टीम भी जल्द ही वहां पहुंचेगी। इलाके में एक पुल भी बह गया है।
वहीं वलाथोल नगर और वडाकनचेरी के बीच भारी जलभराव के कारण कई ट्रेनों का रद्द कर दिया गया है। इनमें ट्रेन संख्या 16305 एर्नाकुलम-कन्नूर इंटरसिटी एक्सप्रेस को त्रिशूर में रोक दिया गया है। ट्रेन संख्या 16791 तिरुनेलवेली-पलक्कड़ पलारुवी एक्सप्रेस को अलुवा में रोका गया। ट्रेन संख्या 16302 तिरुवनंतपुरम-शोरानूर वेनाड एक्सप्रेस को चालक्कुडी में रोका गया है क्योंकि ट्रैक पर पानी भरा हुआ है।
साभार- सोशल मीडिया
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 फ़ेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज लाइक और फॉलो करें