लालकुआँ एवं आसपास के क्षेत्र में गैस वितरण व्यवस्था चरमराई, सिलेंडर की होम डिलीवरी ना होने से उपभोक्ता परेशान
लालकुआँ एवं आसपास के क्षेत्र में गैस वितरण व्यवस्था चरमराई, सिलेंडर की होम डिलीवरी ना होने से उपभोक्ता परेशान
लालकुआँ। लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्र में विगत तीन माह से गैस एजेंसी की अस्थिरता के चलते गैस वितरण व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। गैस की होम डिलीवरी ना होने से गैस उपभोक्ताओं को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्र में लगातार गैस की भारी किल्लत बनी हुई है। वहीं वितरण एजेंसी द्वारा गैस की डोर-टू-डोर होम डिलीवरी ना किए जाने से गैस उपभोक्ता बेहद परेशान हैं। उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर भरवाने के लिए कई-कई किमी0 दूर जाना पड़ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब वितरक एजेंसी द्वारा उपभोक्ताओं से होम डिलवरी चार्ज बसूला जा रहा है तो उन्हें गैस की डोर-टू-डोर होम डिलीवरी क्यों नहीं दी जा रही है।
क्षेत्रीय गैस उपभोक्ताओं का कहना है कि वे इण्डेन गैस कंपनी के उपभोक्ता हैं। विगत कई माह से वितरण एजेंसी की अस्थिरता के कारण लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्र में गैस वितरण व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। इतना ही नहीं उनसे डोर-टू-डोर होम डिलीवरी चार्ज बसूलने के बावजूद गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी नहीं दी जा रही है। इण्डेन कंपनी के गैस उपभोक्ता गैस सिलेंडर भरवाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा यदि कभी-कभार गैस वाहन क्षेत्र में आ भी रहा है तो गैस वाहन को सड़क किनारे खड़ा कर दिया जाता है और उपभोक्ताओं को वहीं सिलेंडर लेकर जाना पड़ता है जहां लाइन में लगकर काफी मशक्कत के बाद गैस सिलेंडर मिल पाता है।
वहीं गैस उपभोक्ताओं का आरोप है कि गैस वितरण एजेंसी के कर्मचारी वर्तमान में प्रति गैस सिलेंडर के 830 रूपये बसूल रहे हैं जबकि उसकी वास्तविक कीमत 823 रूपये है। इस तरह से इण्डेन गैस उपभोक्ताओं से प्रति सिलेंडर 7 रूपये अधिक बसूला जा रहा है।
क्षेत्रीय गैस उपभोक्ताओं ने इण्डेन कंपनी एवं जिला पूर्ति अधिकारी नैनीताल को पत्र भेजकर लालकुआँ एवं आसपास के क्षेत्र में शीघ्र गैस वितरण व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग की है।
बता दें कि लालकुआँ समेत आसपास के क्षेत्र में विगत तीन-चार माह से इण्डेन गैस वितरण एजेंसी की अस्थिरता के चलते गैस की वितरण व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। गैस की डोर-टू-डोर होम डिलीवरी ना होने से उपभोक्ताओं को कई-कई किमी0 खाली गैस सिलेंडर लिए इधर-उधर भटकते देखा जा सकता है। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को तमाम दिक्कतें उठानी पड़ रही है।
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