लालकुआं : नगर पंचायत चुनाव में हैट-ट्रिक बनाएगी कांग्रेस या भाजपा की होगी 10 वर्ष बाद वापसी
लालकुआं : नगर पंचायत चुनाव में हैट-ट्रिक बनाएगी कांग्रेस या भाजपा की होगी 10 वर्ष बाद वापसी
रिपोर्ट- ऐजाज जर्नलिस्ट
लालकुआं। नगर पंचायत लालकुआं चुनाव में कांग्रेस बनाएगी हैट-ट्रिक या भाजपा दस वर्ष बाद वापसी करेगी। इसको लेकर लोगों में चर्चाओं का दौर जारी है।
इस बार नगर पंचायत लालकुआं का चुनाव बेहद रोमांचक होने जा रहा है। ऐसे में अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए जहां स्थानीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट की प्रतिष्ठा दांव में लगी हुई है। वहीं कांग्रेसी दिग्गज व पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा के लिए भी यह चुनाव उनकी प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। क्योंकि नगर पंचायत लालकुआं के अध्यक्ष पद पर राजनीति के माहिर मानें जाने वाले कांग्रेसी नेता रामबाबू मिश्रा की अचूक रणनीति के चलते बीते दस वर्षों से लगातार कांग्रेस का कब्जा है। वर्ष 2013 में कांग्रेस के रामबाबू मिश्रा भाजपा को हराकर लालकुआं के चेयरमैन बने और उसके बाद वर्ष 2018 में एससी सीट होने पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लालचंद्र सिंह ने जीत हासिल की। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इस जीत का पूरा श्रेय पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा को ही दिया जाता है। वहीं इस बार अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) होने पर कांग्रेस ने पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा पर भरोसा जताते हुए उनकी पुत्र वधू डॉक्टर अस्मिता मिश्रा को चुनाव में उतारा है। जिसके चलते यह चुनाव कांग्रेस के साथ-साथ पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा की अपनी प्रतिष्ठा का सवाल भी बन चुका है। ऐसे में लालकुआं के मतदाताओं का फैसला किसके हक में होगा यह मतदान के दिन तय होगा।
वहीं पिछले 10 वर्षों से नगर पंचायत लालकुआं का चुनाव जितने में नाकामयाब रही सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह सीट जीतना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इस बार भाजपा ने अपने कर्मठ कार्यकर्ता पूर्व नगर पंचायत सदस्य रहे प्रेमनाथ पंडित को चुनाव में उतारा है। वहीं इस चुनाव में स्थानीय विधायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट की प्रतिष्ठा भी पूरी तरह से दांव पर लगी हुई है जिसके चलते भाजपा इस चुनाव को जीतने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। हालांकि भाजपा को पार्टी से बगावत कर अध्यक्ष पद पर निर्दलीय मैदान में उतरे सुरेंद्र सिंह लोटनी के चुनाव लड़ने से नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि युवा नेता लोटनी की नगर की जनता में अच्छी पैठ बताई जा रही है। जिस तरह उन्होंने अपने समर्थकों की भारी भीड़ और ढोल नगाड़े के साथ अपना नामांकन दाखिल किया, ऐसे में उनको हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इधर कांग्रेस से इस्तीफा देकर माजीद अली में चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।
बहरहाल अब देखना यह होगा कि इस बार नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट-ट्रिक बनाती है अथवा भाजपा दस वर्ष का सूखा खत्म कर अध्यक्ष पद पर काबिज होने में सफल होती है।
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