आमजन के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़, कायदे-कानून को ठेगा दिखा ठेलियों पर संचालित हो रहे ढाबे
आमजन के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़, कायदे-कानून को ठेगा दिखा ठेलियों पर संचालित हो रहे ढाबे
शाम होते ही मयखाने में तब्दील हो जाते हैं ठेले रूपि ढाबे, नगर प्रशासन बना मूकदर्शक
लालकुआँ। यहां मानकों को ताक पर रख लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर अवैध तरीके से ठेलियों पर ढाबे संचालित हो रहे हैं। इनदिनों तमाम कायदे-कानून ताक पर रखकर जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे ठेले रूपि ढाबों पर नगर में बाढ़ सी आई हुई है। जो अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में घटिया खाद्य सामाग्री लोगों को परोस कर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन खाद्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि नगर पंचायत इन ठेले रूचि ढाबों से केवल तहबाजारी बसूलने में जुटी हैं और लगता है कि उसे जनस्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं है।
प्रशासन की अनदेखी के चलते लालकुआँ में खुलेआम अवैध रूप से ठेले रूपि ढाबा संचालित कर लाखों की कमाई की जा रही है। ऐसे ठेले रूपि ढाबा स्वामी जहां एक तरफ सरकार को राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं, वहीं लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
बता दें कि इनदिनों लालकुआँ नगर में हल्द्वानी रोड ओवरब्रिज से लेकर से लेकर सेंचुरी पेपर मिल के वीआईपी गेट तक सड़क किनारे ठेले रूपि ढाबा संचालकों ने कब्जा जमा रखा है। यही हाल नगर के गौला रोड का है जहां अनगिनत ठेले रूपि ढाबे सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं। जिससे जहां सड़क यातायात बाधित हो रहा है वहीं घटिया खाद्य सामाग्री खाकर लोगों का स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में रोजाना मोटी कमाई करने वाले ठेले रूपि ढाबा संचालक ना तो सरकार को टैक्स को देते हैं और न ही किसी नियम-कानून की परवाह करते हैं। एक ओर सरकार जहां रेस्टोरेंट स्वामियों पर जीएसटी सहित अन्य टैक्स लगा रही है वहीं सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण कर ठेले में ढाबा चला रहे कारोबारियों पर किसी तरह का टैक्स भी नहीं लगाया जाता है और सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी इस ओर से आंखे मूंदे हुए हैं।
इधर ठेले रूपि ढाबे लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बने हुए हैं। यहां खाना खाने के लिए आने वाले लोग सड़क पर ही अपने वाहन खड़े कर देते हैं जिसके चलते सड़क पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। साथ ही इन ठेले रूपि ढाबों पर सफाई का भी बुरा हाल है। भीषण गंदगी और नाले के समीप संचालित होने के कारण इन ठेले रूपि ढाबों में मच्छर व मक्खियों का प्रकोप बना रहता है जिससे बीमारियां फैलने की संभावना बनी रहती है।
वहीं ठेले रूपि ढाबा संचालकों की मनमानी का आलम यह है कि यहां बेची जा रही खाद्य सामग्री में गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा। नगर पंचायत के स्वास्थ्य अधिकारी भी इस पर मौन साधे हुए हैं और नगर पंचायत केवल तहबाजारी बसूलने तक सीमित है। इधर प्रतिबंध के बाजवूद ठेले रूपि ढाबा संचालकों द्वारा खुलेआम प्रतिबन्धित पॉलीथीन में खाद्य सामग्री पैक करके भी दी जा रही है। जो जनस्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
वहीं बताया जा रहा है कि शाम होते ही ये ठेले रूपि ढाबे मयखाने में तब्दील हो जाते हैं जहां मदिरापान के शौकीनों को खुलेआम मदिरापान करते देखा जा सकता है। साथ ही इन तमाम ठेले रूपि ढाबों पर कामर्शियल गैस सिलेंडर के स्थान पर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है जिसके चलते क्षेत्र में अक्सर घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर लेने के लिए तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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