बड़ी खबर : कुमारी शैलजा को मिली उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी
बड़ी खबर : कुमारी शैलजा को मिली उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी
देहरादून। कांग्रेस हाई कमान ने उत्तराखंड समेत कई राज्यों के प्रभारी बदल दिए हैं जिसे आने वाले लोकसभा चुनाव को मद्देनज़र एक बड़ा कदम बताया जा रहा है।
हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद तथा आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने कई प्रदेशों के प्रभारियों को बदल दिया है। इस बार उत्तराखंड की कमान कुमारी शैलजा को सौँपी गई है। जबकि देवेंद्र यादव को उत्तराखंड से हटाकर पंजाब का प्रभारी बनाया गया है।
बताते चलें कि उत्तराखंड कांग्रेस में चल रही गुटबाजी के चलते लंबे समय से देवेंद्र यादव को उत्तराखंड के प्रभारी पद से हटाने की मांग चल रही थी। विधान सभा चुनावों में मिली हार और टिकट वितरण के बाद कई कांग्रेसी उन्हें निशाने पर लिए हुए थे। एक ही मंडल से प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष तथा विस में उप नेता सदन नियुक्त होने के कारण वह सीधे तौर पर आरोपों के भी घेरे में थे। जहां एक ओर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह उनके खिलाफ सीधे तौर पर मोर्चा खोले हुए थे तो दूसरी तरफ कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत भी उनसे नाराज थे। इसके अलावा उनके प्रभारी पद पर रहते कांग्रेस में गुटबाजी लगातार बढ़ रही थी।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को एक पत्र जारी करते हुए कुमारी शैलजा को उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी बनाए जाने की जानकारी दी।
बताते चलें कि कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे चौधरी दलवीर सिंह की पुत्री कुमारी शैलजा अभी तक छत्तीसगढ़ का प्रभार संभाल रही थी। कुमारी शैलजा के पिता चौधरी दलवीर सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के अलावा केन्द्र में कई बार मंत्री रहे हैं। पिता की विरासत को बखूबी संभालने वाली शैलजा भी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के पदों पर रह चुकी हैं। 24 सितंबर 1962 को जन्मीं कुमारी शैलजा की मां कलावती का जब मार्च 2012 में निधन हुआ था तब महिला होते हुए भी अंतिम संस्कार के दौरान मां को मुखाग्नि देकर शैलजा चर्चा में आई थीं।
कुमारी श़ैलजा पढ़ाई में बाल्यकाल से ही काफी कुशाग्र रहीं। दिल्ली के जीसस एंड मेरी पब्लिक स्कूल और स्नातकोत्तर करने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय से एमफिल किया। कुमारी शैलजा ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनने के साथ की । लोकसभा चुनाव में हरियाणा के सिरसा लोकसभा सीट से 1991 में विजयी होने के बाद उन्हें नरसिम्हा राव सरकार में शिक्षा और संस्कृति राज्यमंत्री बनने का अवसर मिला। 2017 के चुनाव में वह उत्तराखंड की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भी रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि उनके प्रदेश प्रभारी रहते उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर लगाम लग सकेगी।
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