विजिलेंस अधिकारी बनकर सिंचाई कर्मी से वसूली एक लाख रुपये की रंगदारी, पुलिस ने दो पत्रकारों समेत तीन को किया गिरफ्तार

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विजिलेंस अधिकारी बनकर सिंचाई कर्मी से वसूली एक लाख रुपये की रंगदारी, पुलिस ने दो पत्रकारों समेत तीन को किया गिरफ्तार

हल्द्वानी। यहां पत्रकारों द्वारा सिंचाई विभाग के कर्मी को विजिलेंस अधिकारी बनकर एक लाख रूपये की रंगदारी वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हल्द्वानी पुलिस ने इस मामले में दो पत्रकारों और एक चालक को रंगदारी वसूलने में गिरफ्तार कर उनको जेल भेज दिया है। जबकि इस घटना में शामिल महिला पत्रकार फरार बतायी जा रही है। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।
यह मामला सिंचाई विभाग कार्यालय कालाढूंगी रोड व डिग्री कॉलेज के पास हल्द्वानी का है जहां 19 मई को उमेश चन्द्र कोठारी पुत्र षष्टी बल्लभ कोठारी निवासी हल्द्वानी ने पुलिस को तहरीर दी कि 03 पुरूष व 1 महिला अज्ञात द्वारा 18 मई को सिंचाई विभाग कार्यालय कालाढूंगी रोड हल्द्वानी में आकर स्वयं को विजिलेंस टीम बताकर आधी अधूरी वीडियो दिखाकर वायरल करने व जान से मारने की धमकी देकर उनसे एक लाख रुपये की रंगदारी वसूल कर चले गए। जिस पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने फर्जी विजिलेंस अधिकारी बनकर रंगदारी वसूलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत इसके खुलासा करने के निर्देश दिए। जिस पर पुलिस ने रविवार को फर्जी विजिलेंस टीम बनकर एक लाख रुपये की रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए उक्त गिरोह में शामिल 03 अभियुक्तों को मनिहार गोठ टनकपुर जिला चम्पावत से रंगदारी में वसूली गयी धनराशि व घटना में प्रयुक्त वाहन सहित गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में तीनों लोगों ने बताया कि 18 मई को सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता कार्यालय कालाढूंगी रोड में तीन पुरुष व एक महिला विजिलेंस अधिकारी बनकर पहुंचे जहां पर उन्होंने स्वयं को पुलिस की विजिलेंस शाखा का अधिकारी बताया तथा कुछ आधी अधूरी विडियो दिखाकर उमेश चन्द्र कोठारी क्लर्क सिंचाई विभाग को डरा धमकाकर अपने झांसे में ले लिया और उस पर दबाव बनाते हुए एक लाख रुपये की रंगदारी वसूल कर ली। उक्त दुस्साहसिक वारदात के खुलासे हेतु पुलिस द्वारा जाँच की गयी तो घटना में प्रयुक्त वाहन संख्या यूके06 बीए 4534 रंग सफेद वैगनआर प्रकाश में आयी व सीसीटीवी फूटेज में दिख रहे संदिग्धों में से एक संदिग्ध की शिनाख्त उप निरीक्षक पंकज जोशी द्वारा भूपेन्द्र सिंह पन्नू जो उधमसिंह नगर में पत्रकारिता करता है के रूप में की गयी इसके उपरान्त पुलिस द्वारा कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अभियुक्त भूपेन्द्र सिंह पन्नू के सम्भावित ठिकानों में दबिश दी गयी तथा अभियुक्त को भूपेन्द्र सिंह के ससुराल मनीहार गोठ चम्पावत से उपरोक्त तीनों अभियुक्तों को रंगदारी में वसूली गयी धनराशि सहित गिरफ्तार किया।
पुलिस जाँच से प्रकाश में आया कि गिरफ्तार भूपेन्द्र सिंह पन्नू एक चैनल का उत्तराखण्ड (स्टेट) ब्यूरो पद पर नियुक्त है तथा ऊधमसिंह नगर व देहरादून में सूचना विभाग में पंजीकृत पत्रकार है।
अभियुक्त सौरभ गाबा भी चैनल में एसआईटी हैड पद पर नियुक्त है तथा उधमसिह नगर से सूचना विभाग में पंजीकृत पत्रकार है।
अभियुक्त सुन्दर उक्त दोनों पत्रकारों का घनिष्ठ मित्र है तथा गूलरभोज में खेतीबाड़ी का काम करता है तथा इनके साथ वाहन चालक बनकर आया था। अभियुक्त भूपेन्द्र व सौरभ पत्रकार होने के कारण विभागों की कार्यप्रणाली से परिचित होते हैं इसी कारण इनके द्वारा अपने एक महिला मित्र साक्षी सक्सेना निवासी नोएडा व सुन्दर के साथ मिलकर योजना बनायी तथा योजना के तहत दिनांक 18 मई को सिंचाई विभाग के बाबू उमेश चन्द्र कोठारी की योजनाबद्ध तरीके से पैसों की माँग करने वाली आधी अधूरी विडियो तैयार की गयी इसके उपरान्त साक्षी व सुन्दर विजिलेंस अधिकारी बनकर कार्यालय में आये व भूपेन्द्र व सौरभ द्वारा स्वयं को पत्रकार बताया गया तथा विडियो दिखाकर वादी से रंगदारी की माँग की गयी व वादी को डरा धमकाकर उससे एक लाख रुपये की रंगदारी वसूल की गयी। उक्त घटना में संलिप्त अभियुक्ता साक्षी सक्सेना फरार चल रही है।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपियों के द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को पूर्व में भी किया जाना प्रकाश में आया है। पकड़े गए अभियुक्त भूपेन्द्र सिंह पन्नू के विरूद्ध थाना बाजपुर में एफआईआर न0 247/2021 धारा 406 भादवि पंजीकृत है तथा अभियुक्त सौरभ गाबा थाना करीम नगर हैदराबाद से भी वर्ष 2019 में चिकित्सक का स्टिंग कर एक लाख रुपये की रंगदारी मांगने के संबंध में जेल जा चुका है।