डेंगू से पीड़ित ओपन यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर की हुई मौत, आखिर कब सुधार लेगा स्वास्थ्य महकमा
डेंगू से पीड़ित ओपन यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर की हुई मौत, आखिर कब जागेगा स्वास्थ्य महकमा
हल्द्वानी। डेंगू से पीड़ित उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक पद पर तैनात डॉ. पुष्पेश जोशी उम्र 40 वर्ष की मौत हो गई। शुक्रवार को अचानक हालत बिगड़ने पर उन्हें एसटीएच लाया गया था। जहां से दिल्ली ले जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई।
मूलरूप से सोमेश्वर अल्मोड़ा निवासी डॉ. पुष्पेश जोशी बीते करीब 10-15 वर्षों से हल्द्वानी के जज फार्म में रह रहे थे। बीते दो वर्षों से वह यूओयू के बॉटनी विभाग में संविदा सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत थे। परिजनों के मुताबिक बीते सोमवार को उन्हें बुखार की शिकायत हुई थी। शुक्रवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ी तो परिजन उन्हें एसटीएच ले गए। डॉक्टरों ने शुरुआती जांच के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर किया था। शुक्रवार की रात ही दिल्ली ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई।
इसके बाद परिजन शव को लेकर हल्द्वानी पहुंचे। जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी का कहना है कि मरीज का कार्ड टेस्ट पॉजीटिव आया था। डॉ. पुष्पेश जोशी की करीब साढ़े तीन साल पहले शादी हुई थी। परिवार में उनकी माता पुष्पा जोशी, बड़े भाई चंद्रेश जोशी, पत्नी प्रीति जोशी और डेढ़ वर्ष का बेटा हैं। डॉ. जोशी के पिता नवीन जोशी हल्द्वानी उपकारागार में जेल अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे थे। उनका भी निधन हो चुका है।
बताते चलें नैनीताल और उधमसिंह नगर में डेंगू बुखार से कई लोग मौत के आगोश में समा चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमा ऐसे केसों में पूरी तरह से लापरवाही बरत रहा है।
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