उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस का बड़ी कार्रवाई, खनन में लगीं 124 मशीनें सीज



उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस का बड़ी कार्रवाई, खनन में लगीं 124 मशीनें सीज
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरकत में आई पुलिस ने 24 घंटों के भीतर खनन में लगीं 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज कर दिया है। पुलिस कार्रवाई बाद सभी खड़िया खदानों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर बागेश्वर जिले में सात जनवरी से खड़िया खनन पर रोक है। अवैध खनन से ग्रामीणों को हुए नुकसान पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी। गुरुवार शाम से पुलिस ने जगह-जगह बैरियर लगा दिए और शुक्रवार को खनन में लगी पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज करना शुरू कर दिया।
इधर नोटिस मिलते ही मशीन संचालक पुलिस थानों में चाबियां जमा करने पहुंचने लगे। रीमा चौकी में सबसे अधिक 52 चाबियां जमा हुईं हैं। शुक्रवार को एसपी बागेश्वर चंद्रशेखर घोडके ने हाईकोर्ट में वर्चुअली पेश होकर कार्रवाई से अवगत कराया।
चमोली की खान अधिकारी को बागेश्वर भेजा सरकार ने बागेश्वर की सस्पेंड जिला खान अधिकारी जिज्ञासा बिष्ट को मुख्यालय अटैच कर दिया है। चमोली की खान अधिकारी नाजिया हसन को बागेश्वर की जिम्मेदारी दी गई है। हाईकोर्ट ने अवैध खनन से ग्रामीणों को होने वाले नुकसान का मुआवजा अवैध खड़िया खनन करने वाले कारोबारियों से वसूले जाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कांडा तहसील में अवैध खनन से ग्रामीणों को हुए नुकसान का मुआवजा सरकार द्वारा दिए जाने पर कड़ी टिप्पणी की।
वहीं हाईकोर्ट ने खनन पर रोक जारी रखते हुए 160 पट्टाधारकों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। कांडा के कई गांवों में खनन से आई दरारों के मामले का हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
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